प्रधानमंत्री जन-धन योजना के 11 वर्ष पूरे, हर घर में उम्मीद, हर जीवन में आत्मविश्वास

KNEWS DESK- प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) के 11 साल पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महत्वाकांक्षी योजना की सफलता पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह केवल एक बैंकिंग पहल नहीं, बल्कि भारत की वित्तीय आज़ादी का आंदोलन है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब समाज का सबसे वंचित व्यक्ति भी बैंकिंग प्रणाली से जुड़ता है, तो राष्ट्र की प्रगति सामूहिक हो जाती है।

सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “जब अंतिम व्यक्ति वित्तीय रूप से जुड़ा होता है, तो पूरा देश एक साथ आगे बढ़ता है। प्रधानमंत्री जनधन योजना से यही हासिल हुआ। इसने लोगों को सम्मान दिया और उन्हें अपना भाग्य खुद लिखने की शक्ति दी।”

प्रधानमंत्री ने माइगोव (MyGov) द्वारा साझा किए गए एक पोस्ट को भी साझा किया, जिसमें बताया गया कि यह योजना कैसे भारत के विकास के सूत्र बन गई है। इस पोस्ट में कहा गया, “यह सिर्फ गणित के आंकड़े नहीं, बल्कि भारत की वित्तीय क्रांति है, जो नवाचार के माध्यम से समावेशन पर आधारित है।”

इस अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी कि बीते 11 वर्षों में देशभर में 56 करोड़ से अधिक जनधन खाते खोले गए हैं। इन खातों में कुल ₹2.68 लाख करोड़ की जमा राशि है। उन्होंने बताया कि अब तक 38 करोड़ से अधिक मुफ्त रूपे कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जिससे डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिला है।

सीतारमण ने आगे कहा, “जनधन योजना के तहत 67% खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं, जबकि 56% खाताधारक महिलाएं हैं। प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण ने वित्तीय समावेशन को जमीनी स्तर पर वास्तविकता में बदल दिया है।”

जनधन योजना को केवल खाता खोलने की प्रक्रिया नहीं माना गया, बल्कि यह एक सामाजिक बदलाव की नींव थी। माइगोव द्वारा साझा एक पोस्ट में कहा गया, “यह योजना एक मां के लिए सम्मान से बचत करने, किसान को सीधे लाभ मिलने और एक ग्रामीण नागरिक को राष्ट्र की प्रगति में भागीदार बनने का माध्यम बनी है।”

28 अगस्त 2014 को राष्ट्रीय मिशन के रूप में शुरू की गई प्रधानमंत्री जन-धन योजना का उद्देश्य था कि हर परिवार को कम से कम एक बैंकिंग खाता मिले, वित्तीय साक्षरता बढ़े और आम लोगों को ऋण, बीमा व पेंशन जैसी सुविधाएं आसानी से मिलें। इस योजना ने भारत के ग्रामीण और शहरी गरीबों को मुख्यधारा की बैंकिंग प्रणाली से जोड़कर उन्हें सशक्त बनाया।