दिवाली के बाद 33 गुना बढ़ गया दिल्ली में प्रदूषण, सांस लेना खतरनाक

KNEWS DESK- दिल्ली में वायु प्रदूषण अपने चरम पर है. वर्तमान में राजधानी के हालात किसी गैस चैंबर की तरह हो गए हैं। दिल्ली का कोई ऐसा कोना नहीं है, जहां हवा की गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी सबसे खराब स्तर पर नहीं हो। दिवाली की रात जलाए गए पटाखों की वजह से हवा और भी ज्यादा दूषित हुई है। सोमवार की सुबह और आज यानी मंगलवार (14 नवंबर) के दिन भी एयर क्वालिटी सुधरी नहीं है। कुछ इलाकों में अन्य के मुकाबले ज्यादा एक्यूआई रिकॉर्ड हुआ है।

दिल्ली में आनंद विहार को वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट माना जाता है। रविवार रात ये शहर का सबसे प्रदूषित इलाका रहा लेकिन इस बार गाड़ियों के प्रदूषण या कंपनियों के धुएं या फिर धूल की वजह से प्रदूषण नहीं बढ़ा, बल्कि इसके पीछे पटाखे जिम्मेदार रहे। इस इलाके में हुई आतिशबाजी की वजह से प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया। लोगों ने यहां जमकर पटाखे जलाए और सुप्रीम कोर्ट के नियमों का खुलकर उल्लंघन किया गया।

आनंद विहार में रात तक पीएम 2.5 का स्तर 1,985 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर (µg/m3) पहुंच गया. राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के हिसाब से ये 33 फीसदी ज्यादा है. राष्ट्रीय सुरक्षा मानक 60 µg/m3 की बात करता है, जबकि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के जरिए बताए गए 15 µg/m3 की तुलना में ये 132 फीसदी ज्यादा रहा. ऐसा ही हाल दिल्ली के बाकी के इलाकों में भी देखने को मिला, जहां तय किए गए मानकों से ज्यादा प्रदूषण फैला।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार सुबह 5 बजे दिल्ली के आरके पुरम में औसत एक्यूआई 422 (गंभीर) रिकॉर्ड हुआ है. फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले पार्टिकल्स पीएम 2.5 प्रमुख प्रदूषक रहा है।

सीपीसीबी के आंकड़ों से पता चलता है कि द्वारका की एयर क्वालिटी भी मंगलवार सुबह 406 एक्यूआई के साथ गंभीर स्तर पर रही है. इसी तरह, आईटीओ में सुबह 5 बजे एक्यूआई 432 (गंभीर) देखा गया और पूरे दिन इसके इसी स्तर के आसपास रहने की संभावना है।

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