एशिया कप में भारत-पाकिस्तान मैच पर सियासत गरमाई, कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना

शिव शंकर सविता- एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद इस मैच पर सवाल खड़े करते हुए सरकार के रुख को ढोंग बताया है। पार्टी ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से एक वीडियो शेयर कर भाजपा नेताओं के पुराने बयानों की याद दिलाई है।

दोहरा चरित्र दिखा रही भाजपा- कांग्रेस

कांग्रेस द्वारा जारी वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बयान दिखाया गया है, जिसमें वे कहते नजर आ रहे हैं कि “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।” वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान भी जोड़े गए हैं, जिनमें उन्होंने कहा था कि “टेरर और टॉक एक साथ नहीं चल सकते। कांग्रेस ने वीडियो में सवाल उठाया कि आखिर जब सांस्कृतिक और कारोबारी रिश्ते पाकिस्तान से तोड़ दिए गए, तब क्रिकेट को क्यों अपवाद बना दिया गया? पार्टी ने इसे भाजपा का दोहरा चरित्र करार दिया।

इमरान मसूद का तंज – क्रिकेट नहीं, जैसे सेनाएं लड़ रही हों

कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि व्यापार तो हर जगह चलता रहेगा। सरकार का मकसद यही है कि उसके दोस्तों को मुनाफा मिलता रहे। भारत-पाकिस्तान की टीमें नहीं, बल्कि ऐसा लगता है जैसे दोनों देशों की सेनाएं लड़ रही हों। इस रोमांच से मोटी रकम कमाई जा रही है, क्योंकि प्रसारण से भारी मुनाफा होता है। उन्होंने आगे कहा, “हमारी बहनों का सिंदूर अभी धुला नहीं, उनके आंसू सूखे भी नहीं और सरकार पाकिस्तान से क्रिकेट खेल रही है। जहां टीवी सीरियल तक बंद कर दिए गए, वहां क्रिकेट का व्यापार क्यों जारी है?”

उदित राज ने भी उठाए सवाल

कांग्रेस नेता उदित राज ने भारत-पाकिस्तान मैच का विरोध करते हुए कहा कि यह मैच सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि आम जनता और शहीदों के परिजन भी विरोध कर रहे हैं।” उन्होंने सवाल किया कि “क्या बीसीसीआई देश की जनभावनाओं से ऊपर है? अगर यही कदम विपक्षी सरकार ने उठाया होता तो भाजपा देशभर में आंदोलन कर रही होती और इसे हिंदू-मुस्लिम नैरेटिव में बदल देती। उदित राज ने आगे कहा, “पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग शहीद हुए, उनके परिवार के सदस्य क्या सोच रहे होंगे? एक तरफ ऑपरेशन सिंदूर जारी है, जो बताता है कि पाकिस्तान से रिश्ते सुधरे नहीं, और दूसरी तरफ क्रिकेट मैच खेला जा रहा है। यह कदम जनता की भावनाओं के खिलाफ और तानाशाही रवैये का उदाहरण है।”