KNEWS DESK- कांग्रेस के कर्नाटक के बेलगावी में आयोजित सीडब्ल्यूसी (कांग्रेस वर्किंग कमेटी) अधिवेशन में भारत के नक्शे को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने अपने कार्यक्रम के पोस्टरों में भारत का “अधूरा नक्शा” प्रदर्शित किया है, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और अक्साई चिन को गायब कर दिया गया है। इस पर देशभर में राजनीतिक हलचल मच गई है, और बीजेपी ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
बीजेपी का आरोप: कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस ने बेलगावी अधिवेशन के बैनरों पर भारत के अधूरे नक्शे का इस्तेमाल किया। मालवीय का आरोप है कि पोस्टरों में कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है, जो कि भारत की अखंडता को चुनौती देने जैसा है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “बेलगावी में कांग्रेस ने अपने सभी होर्डिंग्स पर भारत का अधूरा नक्शा लगाया, जिसमें कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया।”
तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप
मालवीय ने कांग्रेस की राजनीति पर निशाना साधते हुए इसे तुष्टीकरण की राजनीति करार दिया। उनका कहना था कि कांग्रेस यह मानती है कि भारतीय मुसलमान भारत की तुलना में पाकिस्तान के प्रति अधिक वफादार हैं। उन्होंने कांग्रेस को “दूसरी मुस्लिम लीग” करार देते हुए आरोप लगाया कि पार्टी देश को फिर से तोड़ने की कोशिश कर रही है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस से पूछा सवाल
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने भी कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पूछा कि बेलगावी में यह नक्शा किसके इशारे पर जारी किया गया है। उन्होंने कहा, “पूरा देश वीर बल दिवस मना रहा है, लेकिन बेलगावी में कांग्रेस का कार्यक्रम एक अलग संदेश दे रहा है। कर्नाटक कांग्रेस ने महात्मा गांधी की फोटो के साथ भारत का गलत नक्शा प्रदर्शित किया, जिसमें पाक अधिकृत कश्मीर और अक्साई चिन को गायब कर दिया गया।” त्रिवेदी ने कांग्रेस से पूछा, “यह कौन सा इशारा है? क्या यह सोरोस कनेक्शन से जुड़ा हुआ है?”
कांग्रेस का बयान और कार्यक्रम की पृष्ठभूमि
कांग्रेस ने हालांकि इस आरोपों का खंडन किया है और इसे एक संयोग बताया। पार्टी का कहना है कि यह कोई जानबूझकर की गई गलती नहीं थी। बेलगावी में कांग्रेस का सीडब्ल्यूसी अधिवेशन महात्मा गांधी के अध्यक्ष बनने की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया था, जहां गांधी ने 1924 में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अध्यक्षता की थी। कांग्रेस का कहना है कि यह कार्यक्रम सिर्फ एक ऐतिहासिक संदर्भ में आयोजित किया गया था और इसका कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं था।
बसवराज बोम्मई का बयान
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता बसवराज बोम्मई ने भी कांग्रेस के इस कदम पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “कांग्रेस अब दो हिस्सों में बंटी हुई पार्टी बन गई है। एक पक्ष जनविरोधी और राष्ट्रविरोधी है, जबकि दूसरा पक्ष राष्ट्रवादी कांग्रेस था। इन लोगों को जश्न मनाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, लेकिन वे फिर भी इसे मना रहे हैं।”
नक्शे का विवाद: क्या कांग्रेस ने जानबूझकर किया यह कदम?
कांग्रेस के बेलगावी अधिवेशन में विवादास्पद नक्शे को लेकर राजनीति गरमाई हुई है और अब तक इस पर कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच जारी इस राजनीतिक घमासान में अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह कांग्रेस की किसी तुष्टीकरण नीति का हिस्सा है, या फिर यह सिर्फ एक गलती थी। इस मामले पर कांग्रेस का रुख आने वाले दिनों में साफ हो सकता है, लेकिन फिलहाल यह विवाद सियासी हलकों में गर्माया हुआ है। इस घटना ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत के नक्शे के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए गंभीर मुद्दा बन सकती है।
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