KNEWS DESK- एशिया कप 2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच आज होने वाले महामुकाबले से पहले सियासी गर्मी चरम पर है। जहां देशभर में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर शोक और आक्रोश व्याप्त है, वहीं विपक्ष और कई संगठनों ने इस मैच के आयोजन पर कड़ा ऐतराज जताया है।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और केंद्र सरकार, आरएसएस, यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। ओवैसी ने कहा कि ऐसे समय में जब देश ने अभी-अभी एक बड़ा आतंकी हमला झेला है, भारत को पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए था।
अपने बयान में ओवैसी ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयानों पर भी निशाना साधा और कहा, “मोहन भागवत कह रहे हैं कि काशी और मथुरा आरएसएस नहीं छुएगी, लेकिन उनके लोग जा सकते हैं। फिर ‘प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट’ किस लिए बनाया गया? क्या आप धमकी दे रहे हैं? क्या आप कहना चाहते हैं कि 6 दिसंबर फिर से दोहराया जाएगा?”
ओवैसी ने कहा कि आज का भारत 1947 जैसा नहीं है। “असम में 3000 घर तोड़े गए, यूपी में हर रोज़ कुछ ना कुछ हो रहा है। याद रखो, हम बुज़ुर्गों से कह रहे हैं, ये 1947 नहीं है, ये 2025 है। ताकत को हिस्सा दो, जम्हूरियत को मजबूत करो, पंच बनाओ, चेयरमैन बनाओ।”
ओवैसी ने पहलगाम आतंकी हमले की ओर इशारा करते हुए कहा, “जिस पाकिस्तान ने हमारे 26 नागरिकों को मारा, धर्म पूछ-पूछकर लोगों को गोली मारी, उसी पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेला जा रहा है? क्या आपकी अपनी बेटी मारी जाती तब भी आप मैच खेलते?”
उन्होंने कहा, “जब हम पाकिस्तान का पानी रोक सकते हैं, तब क्रिकेट क्यों नहीं रोक सकते? क्या 26 नागरिकों की जान की कोई कीमत नहीं है? बीजेपी और आरएसएस को मरने वालों की नहीं, सिर्फ पैसे की परवाह है।”
ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी की चीन नीति पर भी निशाना साधा। “पीएम मोदी ने चीन दौरे पर माना कि चीन ने हमारी 2000 स्क्वायर किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर रखा है। पाकिस्तान को समर्थन देने के बाद भी आपने वहां जाकर कुछ नहीं कहा। क्या ये आपकी 56 इंच की छाती है?” उन्होंने SCO सम्मेलन में भारत को हाइफनेट (India-Pakistan) किए जाने पर भी नाराजगी जताई और कहा कि देश की अंतरराष्ट्रीय छवि कमजोर हो रही है।
ओवैसी ने केंद्र सरकार पर एनसीईआरटी में पार्टिशन के लिए मुसलमानों को दोषी ठहराने का आरोप लगाते हुए कहा, “हम विभाजन के जिम्मेदार नहीं हैं। इसके लिए सावरकर, माउंटबेटन और उस समय की कांग्रेस सरकार जिम्मेदार थी।” मणिपुर हिंसा पर उन्होंने कहा, “दो साल बाद पीएम मणिपुर गए, बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते।”