KNEWS DESK – महाराष्ट्र सरकार ने जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद को लेकर एक समिति का गठन किया है। इस कदम के बाद राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के विधायक अबू आजमी के बाद अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सरकार के इस फैसले का विरोध जताया और इसे संविधान विरोधी करार दिया।
ओवैसी का बयान
असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार, 17 फरवरी 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा, ऐसा लगता है कि राज्य सरकार के पास अंतरधार्मिक विवाहों की जांच के अलावा कोई और काम नहीं है, क्योंकि उसने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने के लिए एक समिति गठित कर दी है। उन्होंने आगे लिखा, यहां तक कि मोदी सरकार ने भी कहा है कि लव जिहाद की कोई परिभाषा नहीं है और कई जांच एजेंसियों ने साजिश के इस सिद्धांत को खारिज कर दिया है।
https://x.com/asadowaisi/status/1891511343083036967
‘अंकल सरकार’ बनाने की कोशिश – ओवैसी
हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा, “भारतीय न्याय संहिता (BNS) पहले से ही किसी भी व्यक्ति को अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर शादी का वादा करने पर अपराधी मानता है। जबरन धर्म परिवर्तन भी अपराध की श्रेणी में आता है। यह केवल एक ‘अंकल सरकार’ बनाने की कोशिश है। सरकार अब यह तय करने की कोशिश कर रही है कि लोग किससे शादी करें, क्या खाएं, कौन सी भाषा बोलें और किस धर्म को मानें।”
अबू आजमी ने भी किया विरोध
समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने भी महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा, “यह देश संविधान और कानून से चलता है। 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति अपनी मर्जी से किसी भी धर्म के व्यक्ति से शादी कर सकता है और अपनी पसंद का धर्म अपना सकता है। लव जिहाद जैसी कोई चीज़ नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर कोई हिंदू महिला किसी मुस्लिम व्यक्ति से शादी करती है तो दबाव डालकर महिला के परिवार का मन बदलने की कोशिश की जाती है। इसके बाद महिला से यह कहलवाया जाता है कि उससे जबरदस्ती शादी करवाई गई। यह मुसलमानों को परेशान करने की एक साजिश है। सदियों से हिंदू और मुसलमान आपस में शादी करते आ रहे हैं।”