KNEWS DESK- बेंगलुरु में हाल ही में हुई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर कर्नाटक और केरल के बीच सियासी बयानबाज़ी तेज हो गई है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने शनिवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा लगाए गए “बुलडोजर राज” के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए पलटवार किया है।
डीके शिवकुमार ने स्पष्ट कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ‘बुलडोजर कल्चर’ में विश्वास नहीं करती और बेंगलुरु में की गई कार्रवाई पूरी तरह सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के उद्देश्य से की गई थी।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर कर्नाटक सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि बेंगलुरु में 200 से अधिक घरों को गिराया गया और इसे ‘बुलडोजर राज’ को सामान्य बनाने की कोशिश बताया। विजयन ने यह भी आरोप लगाया कि इस तरह की कार्रवाइयां संवैधानिक मूल्यों और मानवीय गरिमा को नुकसान पहुंचाती हैं और इसकी तुलना उत्तर भारत की विवादित प्रथाओं से की।
इन आरोपों का जवाब देते हुए डीके शिवकुमार ने कहा कि पिनाराई विजयन ने पूरे तथ्य जाने बिना टिप्पणी की है। सदाशिवनगर स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि जिन इमारतों को हटाया गया, वे सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनी थीं।
शिवकुमार के मुताबिक जिस जमीन से अतिक्रमण हटाया गया, वह पहले ठोस कचरा फेंकने की जगह थी। इसके चलते इलाके में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो रही थीं। उन्होंने कहा, “हमने किसी के साथ अमानवीय व्यवहार नहीं किया। वहां रहने वालों को दूसरी जगह जाने का मौका दिया गया।”
डिप्टी सीएम ने इस मुद्दे पर लैंड माफिया की भूमिका का भी जिक्र किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग जानबूझकर सरकारी जमीन पर झुग्गियां बसवाते हैं ताकि बाद में उस जमीन पर कब्जा किया जा सके। शिवकुमार ने साफ कहा कि कर्नाटक सरकार इस तरह की गतिविधियों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगी।
डीके शिवकुमार ने यह भी आश्वासन दिया कि जो लोग पात्र हैं, उन्हें सरकार की ओर से पुनर्वास दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि योग्य निवासियों को राजीव गांधी आवास योजना के तहत घर देने के लिए सरकार तैयार है। अंत में ‘बुलडोजर राज’ के आरोप को दोहराते हुए खारिज करते हुए शिवकुमार ने कहा, “हम शहर के बीचोंबीच सरकारी जमीन की रक्षा कर रहे हैं, न कि डर और दबाव से शासन कर रहे हैं।”