मनरेगा नाम बदलने पर सियासी संग्राम, राहुल गांधी ने किया पलटवार, बिल को बताया गांधी जी के आदर्शों के अपमान

डिजिटल डेस्क- मनरेगा का नाम बदलकर VB-G RAM-G बिल किए जाने को लेकर देश की राजनीति में जबरदस्त घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है और इसे महात्मा गांधी के अपमान से जोड़ रही है। वहीं, सरकार का कहना है कि नाम को लेकर कोई विवाद नहीं है और समय के साथ नीतियों व योजनाओं में बदलाव स्वाभाविक है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने VB-G RAM-G बिल को लेकर कैबिनेट बैठक में स्पष्ट किया था कि महात्मा गांधी और भगवान राम दोनों ही देश की आत्मा के प्रतीक हैं और दोनों पूजनीय हैं। पीएम मोदी ने कहा कि नाम बदलने को लेकर अनावश्यक विवाद खड़ा किया जा रहा है, जबकि सरकार का फोकस ग्रामीण रोजगार, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने पर है।

राहुल गांधी ने बोला तीखा हमला

दूसरी ओर, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार को महात्मा गांधी के विचारों से नफरत है और गरीबों के अधिकार हमेशा इस सरकार को खटकते रहे हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा महात्मा गांधी के ग्राम-स्वराज के सपने का जीवंत उदाहरण है और करोड़ों ग्रामीण परिवारों की जिंदगी का सहारा रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान मनरेगा ग्रामीण भारत के लिए आर्थिक सुरक्षा कवच साबित हुआ था। लेकिन मोदी सरकार पिछले 10 वर्षों से इस योजना को कमजोर करने की कोशिश करती रही है और अब नाम बदलकर इसका अस्तित्व ही खत्म करना चाहती है। राहुल ने आरोप लगाया कि नया बिल केंद्र के हाथों में सारी ताकत समेटने की कोशिश है, जिसमें बजट, योजनाएं और नियम केंद्र तय करेगा।

बिल महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान- राहुल गांधी

उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों को 40 प्रतिशत खर्च उठाने के लिए मजबूर किया जाएगा और बजट खत्म होते ही या फसल कटाई के मौसम में दो महीने तक मजदूरों को काम नहीं मिलेगा। राहुल गांधी के मुताबिक, यह बिल महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान है और ग्रामीण गरीबों की रोजी-रोटी पर सीधा हमला है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि देश पहले ही भीषण बेरोजगारी से जूझ रहा है, युवाओं का भविष्य अंधकार में है और अब ग्रामीण गरीबों से भी रोजगार की गारंटी छीनी जा रही है। उन्होंने ऐलान किया कि कांग्रेस इस “जनविरोधी” बिल का विरोध गांव की गलियों से लेकर संसद तक करेगी।

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