PM मोदी आज नई दिल्ली में राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट का करेंगे उद्घाटन

KNEWS DESK-  आज सुबह 10:30 बजे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली के भारत मंडपम में राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 का उद्घाटन करेंगे। यह दो दिवसीय शिखर सम्मेलन (23-24 मई) पूर्वोत्तर भारत को वैश्विक निवेश के मानचित्र पर एक मजबूत और आकर्षक गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

पूर्वोत्तर भारत, जिसमें आठ राज्य—असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा शामिल हैं, अपनी रणनीतिक भौगोलिक स्थिति, प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता और विविध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र भारत का हरित केंद्र (Green Hub) माना जाता है, जो पर्यावरण-पर्यटन, कृषि-आधारित उद्योगों, और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए अपार संभावनाएं प्रदान करता है। इस समिट का आयोजन उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER), फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI), और इन्वेस्ट इंडिया के सहयोग से किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र को घरेलू और विदेशी निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में प्रस्तुत करना, नीति निर्माताओं, उद्योगपतियों, और स्टार्टअप समुदाय को एक साझा मंच प्रदान करना है।
यह शिखर सम्मेलन नौ प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है, जो पूर्वोत्तर भारत की आर्थिक क्षमता को उजागर करते हैं-
  1. पर्यटन और आतिथ्य: प्राकृतिक सौंदर्य, साहसिक पर्यटन, और सांस्कृतिक पर्यटन के अवसर।
  2. कृषि और खाद्य प्रसंस्करण: जैविक खेती और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा।
  3. वस्त्र और हस्तशिल्प: पारंपरिक हस्तकला और बुनाई उद्योग।
  4. सूचना प्रौद्योगिकी और आईटीईएस: डिजिटल कनेक्टिविटी और स्टार्टअप इकोसिस्टम।
  5. बुनियादी ढांचा: सड़क, रेल, और हवाई संपर्क में निवेश।
  6. ऊर्जा: नवीकरणीय ऊर्जा और हाइड्रोपावर की संभावनाएं।
  7. मनोरंजन और मीडिया: क्षेत्रीय सिनेमा और कला को बढ़ावा।
  8. शिक्षा और कौशल विकास: कुशल और अंग्रेजी बोलने वाली कार्यबल को प्रोत्साहन।
  9. स्वास्थ्य: स्वास्थ्य सेवाओं और मेडिकल टूरिज्म में निवेश।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में निवेश के लिए कई अनुकूल कारक मौजूद हैं। यह क्षेत्र दक्षिण-पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में जाना जाता है, जो इसे व्यापार और वाणिज्य के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है। इसके अलावा, कम श्रम लागत, कुशल कार्यबल, और केंद्र सरकार की उदय (UDAN) और एक्ट ईस्ट जैसी नीतियां निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करती हैं।  प्री-समिट आयोजनों, जैसे कि देश-विदेश में आयोजित रोडशो और राजदूतों की बैठक, ने पहले ही 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव आकर्षित किए हैं। यह दर्शाता है कि वैश्विक और घरेलू निवेशक पूर्वोत्तर भारत की संभावनाओं में गहरी रुचि दिखा रहे हैं। इस समिट की रूपरेखा केंद्र सरकार और आठ पूर्वोत्तर राज्यों के सहयोग से तैयार की गई है। केंद्र सरकार ने क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें पूर्वोत्तर विशेष बुनियादी ढांचा विकास योजना (NESIDS), प्रधानमंत्री-देवINE, और नॉर्थ ईस्ट रोड सेक्टर डेवलपमेंट स्कीम शामिल हैं। ये योजनाएं क्षेत्र में कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे, और आर्थिक विकास को गति देने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 न केवल निवेशकों को आकर्षित करने का एक मंच है, बल्कि यह पूर्वोत्तर भारत की आर्थिक और सामाजिक प्रगति को गति देने का भी एक अवसर है। यह क्षेत्र, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है, अब वैश्विक निवेश के लिए एक नया केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन भाषण में क्षेत्र की संभावनाओं और सरकार की नीतियों पर विस्तृत चर्चा होने की उम्मीद है। यह समिट पूर्वोत्तर भारत को न केवल भारत का, बल्कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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