KNEWS DESK- आगामी विधानसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार से पश्चिम बंगाल और असम के दौरे पर रहेंगे। इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री दोनों राज्यों को हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे। राजनीतिक दृष्टि से भी यह यात्रा बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि दोनों ही राज्यों में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।
प्रधानमंत्री शनिवार सुबह करीब 11:15 बजे पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के राणाघाट पहुंचेंगे, जहां वे राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ी प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। लगभग 3,200 करोड़ रुपये की लागत वाली इन परियोजनाओं में एनएच-34 के बराजागुली–कृष्णनगर सेक्शन का 66.7 किलोमीटर लंबा फोर-लेन मार्ग शामिल है, जिसका उद्घाटन किया जाएगा। इसके साथ ही उत्तर 24 परगना जिले में बरासात–बराजागुली सेक्शन के 17.6 किलोमीटर लंबे फोर-लेन मार्ग की आधारशिला भी रखी जाएगी। कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहेंगे।
इन परियोजनाओं के पूरा होने से कोलकाता और सिलीगुड़ी के बीच सड़क संपर्क मजबूत होगा और यात्रा समय में करीब दो घंटे की कमी आने की उम्मीद है। पश्चिम बंगाल के लिए इन परियोजनाओं को बुनियादी ढांचे की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बिहार विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली बंगाल यात्रा है। इस दौरे को भाजपा के चुनावी अभियान की शुरुआत के रूप में भी देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री की रैली ताहेरपुर क्षेत्र में आयोजित की जाएगी, जहां मतुआ समुदाय और शरणार्थी आबादी की संख्या काफी अधिक है। राणाघाट और ठाकुरनगर को मतुआ समुदाय के प्रमुख केंद्र माना जाता है और भाजपा इस वर्ग के बीच अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है। एक ही रैली के जरिए पार्टी कई जिलों तक संदेश पहुंचाने की कोशिश करेगी।
दोपहर बाद प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल से असम के लिए रवाना होंगे। वे करीब 2:30 बजे गुवाहाटी हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे। यहां वे एयरपोर्ट के नए टर्मिनल के बाहर असम के पहले मुख्यमंत्री गोपीनाथ बोरदोलोई की 80 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे।
प्रधानमंत्री की यह दो दिवसीय असम यात्रा भी विकास पर केंद्रित रहेगी। इस दौरान वे राज्य को 1,600 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की सौगात देंगे। प्रधानमंत्री विभिन्न विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास करने के साथ-साथ जनसभाओं को भी संबोधित करेंगे। पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को मजबूत करने की दिशा में इस दौरे को एक अहम कदम माना जा रहा है।