KNEWS DESK- लोकसभा में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रगीत से जुड़े ऐतिहासिक किस्से साझा किए और कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने बताया कि किस तरह ब्रिटिश हुक्मरानों ने वंदे मातरम् को दबाने के लिए स्कूलों में पाबंदी लगाई और राजनीतिक दबावों का सहारा लिया गया।
पीएम मोदी ने कहा कि 20 मई 1906 को बारीसाल (अब बांग्लादेश में) में वंदे मातरम् का जुलूस निकाला गया, जिसमें 10 हजार से ज्यादा लोग सड़कों पर उतरे थे। इस जुलूस में हिंदू और मुस्लिम सहित सभी धर्मों और जातियों के लोग शामिल थे और उन्होंने वंदे मातरम् के झंडे हाथ में लेकर देशभक्ति का प्रदर्शन किया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि रंगपुर के एक स्कूल में जब छात्रों ने वंदे मातरम् गाया, तो ब्रिटिश सरकार ने 200 छात्रों पर 5-5 रुपये का जुर्माना लगाया। इसके बाद कई स्कूलों में वंदे मातरम् गाने पर पाबंदी लगा दी गई।
पीएम मोदी ने कहा कि वंदे मातरम् में हजारों वर्षों की सांस्कृतिक ऊर्जा, आजादी का जज्बा और आजाद भारत का विज़न समाहित था। अंग्रेजों को यह समझ में आ गया कि 1857 के बाद भारत में लंबे समय तक टिकना उनके लिए कठिन होगा। उन्होंने महसूस किया कि जब तक भारत को बांटा नहीं जाएगा और लोगों को आपस में लड़ाया नहीं जाएगा, तब तक यहां शासन करना मुश्किल होगा। इसी रणनीति के तहत अंग्रेजों ने ‘बांटो और राज करो’ नीति अपनाई और बंगाल को इसकी प्रयोगशाला बनाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर यह भी रेखांकित किया कि वंदे मातरम् सिर्फ एक गीत नहीं था, बल्कि यह देशभक्ति, सांस्कृतिक एकता और स्वतंत्रता की प्रतीक था। उन्होंने सदन को याद दिलाया कि इस गीत ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण प्रेरणा और दिशा प्रदान की।