लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में बोले पीएम मोदी, “यह सामर्थ्य मोदी का नहीं, भारत का है”

KNEWS DESK, अमेरिका के प्रसिद्ध पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन ने इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पॉडकास्ट इंटरव्यू करने की इच्छा जताई थी। 19 जनवरी को उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि वह पीएम मोदी के साथ पॉडकास्ट करने को लेकर उत्साहित हैं। आज यह पॉडकास्ट लाइव कर दिया गया है, और यह पीएम मोदी का पहला अंतरराष्ट्रीय पॉडकास्ट है। इस पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने फ्रिडमैन के विभिन्न सवालों का जवाब दिया।

“मेरी ताकत 140 करोड़ देशवासी हैं”: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पॉडकास्ट में अपनी ताकत के बारे में बात करते हुए कहा, “मेरी ताकत मोदी में नहीं, बल्कि 140 करोड़ देशवासियों में है। यह ताकत हमारे हजारों सालों की महान संस्कृति और परंपरा से आई है। जब मैं दुनिया के किसी नेता से हाथ मिलाता हूं, तो यह केवल मोदी का हाथ नहीं होता, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का हाथ होता है। यह सामर्थ्य मोदी का नहीं, भारत का है।”

भारत: बुद्ध और गांधी की धरती

पीएम मोदी ने भारत की शांति नीति पर भी बात की और कहा, “भारत, बुद्ध और गांधी की धरती है, और जब हम शांति की बात करते हैं, तो पूरी दुनिया सुनती है। हम संघर्ष के पक्ष में नहीं, बल्कि समन्वय के पक्षधर हैं। हम प्रकृति के साथ संघर्ष नहीं, बल्कि समन्वय चाहते हैं, और यही विचार हम दुनिया के सामने रखते हैं।”

आरएसएस से जीवन के मूल्य सीखे: पीएम मोदी

पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से अपने जुड़ाव के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, “मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मैंने आरएसएस जैसे प्रतिष्ठित संगठन से जीवन के सार और मूल्य सीखे। बचपन में आरएसएस के समागमों में जाना हमेशा अच्छा लगता था। आरएसएस ने मुझे उद्देश्यपूर्ण जीवन का मार्ग दिखाया।” उन्होंने यह भी कहा कि इस साल आरएसएस के 100 साल पूरे हो रहे हैं, और यह संगठन दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवक संघ है।

पीएम मोदी ने आरएसएस के बारे में कहा, “आरएसएस को समझना आसान नहीं है, इसके कामकाज को समझना पड़ता है। यह अपने सदस्यों को जीवन का उद्देश्य देता है, और सिखाता है कि राष्ट्र ही सर्वोपरि है, और समाज सेवा ही ईश्वर की सेवा है।” उन्होंने आगे बताया कि आरएसएस के सदस्यों ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए ‘विद्या भारती’ नामक संगठन की स्थापना की, जो आज देशभर में 70,000 स्कूलों का संचालन करता है और 30 लाख छात्रों को शिक्षा प्रदान करता है।

पीएम मोदी ने आरएसएस और मजदूर आंदोलन के दृष्टिकोण की तुलना करते हुए कहा, “वामपंथी मजदूर आंदोलन में ‘दुनिया के मजदूरों, एक हो!’ का नारा है, जबकि आरएसएस का मजदूर संगठन ‘मजदूरों, दुनिया के एक हो!’ का नारा देता है।”  इस पॉडकास्ट के माध्यम से पीएम मोदी ने अपनी विचारधारा, भारत की भूमिका और आरएसएस के सिद्धांतों को साझा किया, जो उनके जीवन और देश के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

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