दिल्ली, पीएम मोदी ने गुरुवार 16 फरवरी, 2023 को नई दिल्ली स्थित मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में मेगा नेशनल ट्राइबल फेस्टिवल-‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा, आदिवासी समाज को लेकर आज देश गौरव से आगे बढ़ रहा है।
गौरतलब हो, इस महोत्सव में 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के करीब एक हजार आदिवासी कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। वहीं 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 39 वन धन विकास केंद्र भी इसमें भाग ले रहे हैं। पीएम मोदी ने आदि महोत्सव में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को भी पुष्पांजलि अर्पित की। इससे पहले उन्होंने आयोजन स्थल पर लगी प्रदर्शनी का जायजा लिया। इस दौरान केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा भी उनके साथ उपस्थित रहे।
‘आदि महोत्सव देश की आदि विरासत की भव्य प्रस्तुति कर रहा’
पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा आजादी के अमृत महोत्सव में आदि महोत्सव देश की आदि विरासत की भव्य प्रस्तुति कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा अभी मुझे मौका मिला देश की आदिवासी परंपरा की इस गौरवशाली झांकी को देखने का तरह-तरह रस, तरह-तरह के रंग इतनी खूबसूरत पौशाकें, भिन्न-भिन्न कलाएं, भांति-भांति के स्वाद व तरह-तरह का संगीत, ऐसा लग रहा है कि जैसे भारत की अनेकता उसकी भव्यता कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ खड़ी हो गई है।
‘ये विकास और विरासत के विचार को और अधिक जीवंत बना रहा’
पीएम ने कहा, यह अनंत विविधताएं जब एक भारत श्रेष्ठ भारत के सूत्र में पिरोती है तब भारत का भव्य स्वरूप दुनिया के सामने आता है, तब भारत अपने सांस्कृतिक प्रकाश से विश्व का मार्गदर्शन करता है। ये आदि महोत्सव विविधता में एकता हमारे उस सामर्थ्य को नई ऊंचाई दे रहा है। ये विकास और विरासत के विचार को और अधिक जीवंत बना रहा है।
‘बीते 8-9 वर्षों में आदि महोत्सव जैसे कार्यक्रम देश के लिए अभियान बन गए’
पीएम मोदी ने कहा 21वीं सदी का भारत सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर चल रहा है। जिसे पहले दूर सुदूर समझा जाता था अब सरकार दिल्ली से चलकर उसके पास जाती है। जो पहले खुद को दूर सुदूर समझता था अब सरकरा उसको मुख्यधारा में ला रही है। बीते 8-9 वर्षों में आदिवासी समाज से जुड़े आदि महोत्सव जैसे कार्यक्रम देश के लिए एक अभियान बन गए हैं। कितने ही कार्यक्रम का मैं खुद भी हिस्सा बनता हूं। ऐसा इसलिए क्योंकि आदिवासी समाज का हित मेरे लिए व्यक्तिगत रिश्तों और भावनाओं का विषय भी है।
पीएम ने स्मरण करते हुए बताया, जब मैं राजनीतिक जीवन में नहीं था, एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में संगठन के कार्यकर्ता के रूप में काम करता था तो मुझे अनेकों राज्यों में, उसमें भी हमारे जनजातीय समूह के बीच में जाने का अवसर मिलता था। मैंने देश के कोने-कोने में आदिवासी समाजों के साथ, आदिवासी परिवारों के साथ कितने ही सप्ताह बिताए हैं। पीएम ने कहा, मैंने आपकी परम्पराओं को करीब से देखा भी है, उसे जिया भी है और उनसे बहुत कुछ सीखा भी है।
पीएम मोदी ने कहा, गुजरात में भी उमरगांव से अंबाजी तक गुजरात की पूरी पूर्वी पट्टी उस आदिवासी पट्टे में जीवन के अत्यंत महत्वपूर्ण वर्ष मेरे आदिवासी भाई बहनों की सेवा में लगाने का मुझे सौभाग्य मिला था। आदिवासियों की जीवनशैली ने मुझे देश के बारे, हमारी परंपराओं के बारे में, हमारी विरासत के बारे बहुत कुछ सिखाया है, इसलिए जब मैं आपके बीच आता हूं तो एक अलग ही तरह का अपनत्व मुझे फील होता है। आपके बीच अपनों से जुड़ने का अहसास होता है।
‘आदिवासी समाज को लेकर आज देश गर्व के साथ आगे बढ़ रहा है’
पीएम मोदी ने कहा आदिवासी समाज को लेकर आज देश जिस गौरव से आगे बढ़ रहा है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ है। पीएम ने कहा, मैं जब विदेशी राष्ट्राध्यक्षों से मिलता हूं और उन्हें उपहार देता हूं तो मेरी कोशिश होती है कि उसमें कुछ न कुछ तो मेरे आदिवासी भाई-बहनों द्वारा बनाए गए उपहार होने चाहिए।