KNEWS DESK- चुनावी बॉन्ड योजना के मुद्दे पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, नरेंद्र मोदी “भ्रष्टाचार के माउंट एवरेस्ट” पर चढ़ गए हैं। कांग्रेस नेता ने बताया कि यह योजना चार तरीकों से संचालित होती है – ‘चंदा दो, धंधा लो’, ‘हफ्ता वसूली’, फर्जी कंपनियां, रिश्वत के जरिए ठेके हासिल करना। साथ ही उन्होंने योजना के कार्यान्वयन की स्वतंत्र सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, “मुझे लगता है कि नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार के माउंट एवरेस्ट पर चढ़ गए हैं। पहले मोदानी घोटाला था और अब चुनावी बांड घोटाला है। इस चुनावी बांड घोटाले को विभिन्न तरीकों से संचालित किया जाता है- ‘चंदा करो, धंधा लो’, ‘हफ्ता वसूली’, शेल कंपनियां, रिश्वत के माध्यम से अनुबंध प्राप्त करना। इस चुनावी बांड योजना को चार अलग-अलग तरीकों से लागू किया गया है, पहले यह योजना थी और अब यह घोटाला है। हम एक स्वतंत्र सुप्रीम कोर्ट चाहते हैं इन चार तरीकों की निगरानी जांच, जिनके द्वारा भारतीय लोकतंत्र पर आघात और हमला किया गया है।”
सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्येक चुनावी बांड के लिए अद्वितीय संख्याओं का खुलासा न करने पर भारतीय स्टेट बैंक की खिंचाई की थी, जो प्राप्तकर्ता राजनीतिक दल के साथ दानदाताओं के मिलान में मदद करेगा, यह कहते हुए कि उन्हें प्रकट करना “कर्तव्य बाध्य” था। शीर्ष अदालत ने देश के सबसे बड़े बैंक को अपने निर्देशों के अनुपालन में अद्वितीय अल्फ़ान्यूमेरिक संख्याओं का खुलासा नहीं करने का कारण बताने के लिए एक नोटिस भी जारी किया, भले ही चुनावी बांड योजना पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया हो।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने चुनावी बांड मामले में अपने फैसले में खरीदार, राशि और खरीद की तारीख सहित बांड के सभी विवरण का खुलासा करने का निर्देश दिया था।
♦भ्रष्टाचार के माउंट एवरेस्ट पर चढ़ गए हैं पीएम मोदी, चुनावी बॉन्ड घोटाले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच हो- जयराम रमेश#Congress @INCIndia @Jairam_Ramesh #BJP @PMOIndia pic.twitter.com/2LYCQuPIHh
— Knews (@Knewsindia) March 16, 2024
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि मुझे लगता है कि नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार के माउंट एवरेस्ट पर चढ़ गए हैं। पहले मोदानी घोटाला था और अब चुनावी बॉन्ड घोटाला है। इस चुनावी बॉन्ड घोटाले को विभिन्न तरीकों से संचालित किया जाता है- ‘चंदा दो, धंधा लो’,’ ‘हफ्ता वसूली’, शेल कंपनियां, रिश्वत के माध्यम से अनुबंध प्राप्त करना। इस चुनावी बांड योजना को चार अलग-अलग तरीकों से लागू किया गया है, पहले यह योजना थी और अब यह घोटाला है। हम इन चार तरीकों की एक स्वतंत्र सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच चाहते हैं। किस भारतीय लोकतंत्र पर आघात और प्रहार किया गया है।
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