सिडनी में हनुक्का समारोह में हुए आतंकी हमले पर पीएम मोदी ने जताया दुख, अब तक हो चुकी 12 मौतें

डिजिटल डेस्क- ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में यहूदी समुदाय के हनुक्का त्योहार के दौरान हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। इस भयावह हमले में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। यह हमला सिडनी के बॉन्डी बीच पर आयोजित ‘चानुका बाय द सी’ कार्यक्रम के दौरान हुआ, जहां सैकड़ों लोग हनुक्का के पहले दिन का उत्सव मना रहे थे। घटना सिडनी के स्थानीय समयानुसार शाम करीब 6:30 से 6:45 बजे के बीच हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, काले कपड़े पहने दो हमलावर मौके पर पहुंचे और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। चश्मदीदों का कहना है कि 12 से 50 राउंड तक गोलियों की आवाजें सुनी गईं, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इलाके को घेर लिया और दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है। मामले की जांच जारी है।

सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कड़ी निंदा की

इस आतंकी हमले पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ऑस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच पर हुए इस भयावह आतंकवादी हमले की भारत कड़ी निंदा करता है। पीएम मोदी ने कहा कि यह हमला हनुक्का के पहले दिन जश्न मना रहे निर्दोष लोगों पर किया गया। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि दुख की इस घड़ी में भारत ऑस्ट्रेलिया के लोगों के साथ पूरी एकजुटता से खड़ा है। साथ ही उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी की कड़ी निंदा

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने एक्स पर लिखा कि बॉन्डी बीच पर हनुक्का सेलिब्रेशन के दौरान हुए आतंकी हमले से वे बेहद दुखी हैं और उनकी संवेदनाएं पीड़ितों व उनके परिवारों के साथ हैं। इस हमले पर इजरायल की ओर से भी कड़ी प्रतिक्रिया आई है। इजरायल के राष्ट्रपति इसाक हर्जोग ने इसे यहूदी समुदाय के खिलाफ नफरत का परिणाम बताते हुए ऑस्ट्रेलियाई सरकार पर यहूदी-विरोधी भावना को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब लोग मोमबत्तियां जलाने और त्योहार मनाने आए थे, तब उन पर आतंकियों ने हमला किया। इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने भी इस घटना को ऑस्ट्रेलिया में बढ़ती यहूदी-विरोधी हिंसा से जोड़ा है।

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