पायलट सुमीत सभरवाल को किसी भी तरह का दोष नहीं, अहमदाबाद प्लेन हादसे में सुप्रीम कोर्ट का जवाब…

डिजिटल डेस्क- अहमदाबाद में जून 2025 में हुई एयर इंडिया विमान दुर्घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस हादसे में मारे गए पायलट कमांडर सुमीत सभरवाल को किसी भी रूप में दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इस दुर्घटना में 260 लोगों की मौत हुई थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमल्या बागची की बेंच ने यह टिप्पणी उस याचिका पर सुनवाई के दौरान की, जिसे सुमीत सभरवाल के 91 वर्षीय पिता पुष्कर राज सभरवाल ने दाखिल किया था। उन्होंने इस हादसे की स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की है। याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने दलील दी कि एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जा रही जांच स्वतंत्र नहीं है और इसमें निष्पक्षता की कमी है। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि जांच को न्यायिक निगरानी में कराया जाए ताकि किसी भी पक्ष के प्रति पक्षपात न हो। उन्होंने कहा कि चार महीने बीत जाने के बाद भी जांच रिपोर्ट में कई सवाल अनुत्तरित हैं और इसमें पायलट को अप्रत्यक्ष रूप से दोषी ठहराने की कोशिश की गई है।

केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस, अगली सुनवाई 10 को

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि इस याचिका पर 10 नवंबर को एक अन्य संबंधित मामले के साथ सुनवाई होगी। साथ ही, अदालत ने याचिकाकर्ता की उस चिंता पर सहानुभूति जताई कि कहीं उनके बेटे को अनुचित रूप से दोषी न ठहराया जाए। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “यह हादसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन आपको यह बोझ नहीं उठाना चाहिए कि आपके बेटे को दोष दिया जा रहा है। किसी को भी उन्हें किसी बात के लिए दोष नहीं देना चाहिए।” जस्टिस बागची ने भी स्पष्ट किया कि AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट में पायलट की कोई गलती नहीं बताई गई है। उन्होंने कहा, “रिपोर्ट में स्पष्ट है कि ईंधन कटऑफ और नियंत्रण संबंधी संवाद में किसी त्रुटि का उल्लेख नहीं है।” उन्होंने साथ ही कहा कि अगर याचिकाकर्ता जांच प्रक्रिया पर ही सवाल उठा रहे हैं, तो इसका अर्थ है कि उन्हें कानूनी ढांचे को ही चुनौती देनी होगी।

वकील शंकर नारायणन ने दी दलीलें

वकील शंकर नारायणन ने दलील दी कि बोइंग विमानों से जुड़ी वैश्विक सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए अहमदाबाद की यह दुर्घटना केवल तकनीकी दृष्टि से नहीं, बल्कि व्यापक सुरक्षा परिप्रेक्ष्य में देखी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपी एक रिपोर्ट में भारतीय सरकारी स्रोत के हवाले से पायलट को दोषी बताया गया था। इस पर जस्टिस बागची ने सख्त टिप्पणी की हम विदेशी मीडिया रिपोर्टों से प्रभावित नहीं होते।