डिजिटल डेस्क- लोकसभा में चुनाव सुधारों पर बुधवार को हुई चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आमने-सामने आ गए। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए अमित शाह ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला और कहा कि राहुल ने 5 नवंबर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में “परमाणु बम फोड़ा” था, जिसमें उन्होंने हरियाणा में कथित गड़बड़ी को लेकर “झूठ” बोला। शाह ने कहा कि राहुल गांधी ने वोट चोरी का नरेटिव खड़ा करने की कोशिश की और गलत तथ्य प्रस्तुत किए। इसी दौरान राहुल गांधी ने संसद में बीच में हस्तक्षेप करते हुए अमित शाह को खुला चैलेंज दिया। राहुल ने कहा—“मैं उस पीसी पर आपको चैलेंज देता हूं… यूपी और हरियाणा में वोट कैसे चोरी हुए, इसका जवाब दीजिए।” इसके बाद सदन में तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। अमित शाह ने सख्त लहजे में जवाब दिया—“आपके हुक्म से संसद नहीं चलेगी। मुझे क्या बोलना है, यह मैं तय करूंगा।”
नेहरू पर भी निशाना—“देश के पहले पीएम वोट चोरी से बने”
अपने संबोधन में अमित शाह ने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए दावा किया कि आजादी के बाद पहली “वोट चोरी” पंडित जवाहरलाल नेहरू के चुनाव से शुरू हुई थी। शाह ने कहा कि सरदार पटेल को 28 वोट मिले थे और नेहरू को केवल 2 वोट, लेकिन प्रधानमंत्री नेहरू बने। उन्होंने कहा—“कांग्रेस जब जीतती है तो चुनाव आयोग सही, और जैसे ही हारती है तो चुनाव आयोग गलत लगने लगता है।”
इंदिरा गांधी के चुनाव का उदाहरण भी दिया
शाह ने आगे कहा कि इंदिरा गांधी के रायबरेली से हुए चुनाव को लेकर राज नारायण ने हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए कहा था कि चुनाव नियमों का पालन नहीं हुआ, इसलिए चुनाव रद्द किया जाता है। शाह ने आरोप लगाया—“इस वोट चोरी को ढकने के लिए संसद में ऐसा कानून लाया गया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ किसी प्रकार का केस नहीं चल सके।”
कांग्रेस पर चुनाव सुधारों में उदासीनता का आरोप
गृह मंत्री ने कांग्रेस पर यह भी हमला बोला कि 2014 के बाद से उसने चुनाव सुधारों पर कोई ठोस सुझाव नहीं दिया।
शाह ने कहा—“विपक्ष चुनाव हारे तो EVM को दोष देता है, लेकिन जब कांग्रेस 2004 और 2009 में EVM से जीती, तब सब ठीक था।” उन्होंने कहा कि ईवीएम आने से पहले देश में बूथ कैप्चरिंग, बैलेट बॉक्स चोरी और व्यापक अनियमितताएं आम थीं।
“आज जब चोरी बंद हुई है, तभी विपक्ष के पेट में दर्द हो रहा है,” शाह ने कहा। अमित शाह ने कहा कि मतदाता सूची का शुद्धिकरण (SIR) चुनाव आयोग की संवैधानिक जिम्मेदारी है, और विदेशी नागरिकों तथा मृत व्यक्तियों के नाम हटाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस प्रक्रिया को लेकर भ्रम फैला रहा है।