संसद में दूसरे दिन भी भारी हंगामा, SIR पर चर्चा की मांग पर अड़ा विपक्ष, राज्यसभा ने मणिपुर GST बिल लौटाया

डिजिटल डेस्क- संसद के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन भी विपक्ष के जोरदार हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष SIR मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग पर अड़ा रहा, वहीं सरकार ने इसे स्वीकार करने से पहले अन्य विधायी कार्यों को प्राथमिकता देने की बात दोहराई। लगातार नारेबाजी और हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही प्रभावित रही और लोकसभा को दिनभर के लिए स्थगित करना पड़ा। राज्यसभा में हंगामे के बीच मणिपुर GST (दूसरा संशोधन) विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा हुई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चर्चा का जवाब दिया जिसके बाद उच्च सदन ने इस बिल को ध्वनिमत से लौटा दिया। इस दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के बीच तीखी बहस भी देखने को मिली। खड़गे ने SIR पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए कहा कि वंदे मातरम् पर चर्चा कभी भी हो सकती है, लेकिन महत्वपूर्ण मुद्दे को पहले लिया जाना चाहिए।

लोकसभा की कार्यवाही बार-बार स्थगित

लोकसभा में विपक्षी सांसद शुरुआत से ही वेल में आकर SIR पर चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी करते रहे। हंगामे के कारण पहले प्रश्नकाल नहीं चल सका और स्पीकर ओम बिरला ने सदन को 12 बजे, फिर 2 बजे और अंततः पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया। स्पीकर ने गतिरोध खत्म करने के लिए सभी दलों के फ्लोर लीडर्स की बैठक भी बुलाई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इसके बाद बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक हुई, जिसमें तय हुआ कि 8 दिसंबर को ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर चर्चा और 9 दिसंबर को चुनाव सुधार पर चर्चा की जाएगी। हालांकि विपक्ष ने SIR को प्राथमिकता देने की मांग दोहराई।

राज्यसभा में नियम 267 को लेकर विवाद

राज्यसभा में खड़गे ने नियम 267 के तहत नोटिस देने वाले सदस्यों के नाम न पढ़े जाने और नोटिस खारिज करने का कारण न बताए जाने पर आपत्ति जताई। विपक्ष ने इसे ‘संसदीय परंपरा के विरुद्ध’ बताया।
इस बीच, मणिपुर GST बिल पर चर्चा के लिए नाम लिए जाने पर NCP (शरद पवार) की सांसद डॉ. फौजिया खान ने बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जब सदन का माहौल ठीक नहीं है और SIR पर चर्चा नहीं हो रही, तब वे भाषण नहीं देंगी।

जॉर्जिया के सांसद बने कार्यवाही के साक्षी

दोनों सदनों की कार्यवाही देखने जॉर्जिया के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल भी पहुंचा। लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा में सभापति सीपी राधाकृष्णन ने उनका सदन में स्वागत किया।

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