इमरान खान की सेहत पर पाकिस्तान में हड़कंप, बहन उज्मा को अडियाला जेल में मिलने की अनुमति, देशभर से समर्थकों का रावलपिंडी में जमावड़ा

डिजिटल डेस्क- पाकिस्तान में राजनीतिक हलचल मंगलवार को चरम पर पहुंच गई जब अडियाला जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बहन उज्मा खान को उनसे मिलने की अनुमति दी गई। इमरान की सेहत को लेकर उठ रही चिंताओं के बीच जेल के बाहर भारी विरोध प्रदर्शन हुआ। सुबह से ही जेल परिसर के बाहर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा, जबकि इमरान खान के समर्थकों का भारी जमावड़ा रावलपिंडी में देखा गया। इमरान की बहनें सुबह करीब 11:30 बजे जेल के बाहर पहुंच गई थीं, लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें अंदर जाने नहीं दिया जा रहा था। बाद में हंगामे के बीच केवल उज्मा खान को मुलाकात की अनुमति मिली। वहीं, इमरान खान के लाखों समर्थकों को अडियाला जेल के पास तक नहीं पहुँचने दिया गया।

रावलपिंडी किले में बदला, धारा 144 लागू

रावलपिंडी में हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि सरकार ने पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया। सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के आदेश पर जेल जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं। कंटेनरों और भारी वाहनों से सड़कें पाट दी गई हैं। धारा 144 लागू कर दी गई है और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ “शूट एट साइट” (देखते ही गोली मारने) तक के आदेश जारी किए गए हैं। पेशावर में भी हिंसा करने वालों पर गोली चलाने का आदेश दिया गया है। इसके बावजूद पीटीआई समर्थकों का हौसला नहीं टूटा और अडियाला जेल के बाहर जोरदार प्रदर्शन जारी रहा। कई जगह पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुईं।

इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बाहर भी जबरदस्त प्रदर्शन

इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बाहर भी सैकड़ों लोग जमा हुए। समर्थकों ने “आजादी” और “इमरान खान को रिहा करो” के नारे लगाए। आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कई महिला कार्यकर्ताओं को बालों से पकड़कर घसीटा और कई युवाओं को बेरहमी से पीटा।

पूरे पाकिस्तान से पहुंचे लोग

कराची, क्वेटा, फैसलाबाद, पेशावर और अन्य इलाकों से बड़ी संख्या में समर्थक रावलपिंडी पहुंचे। इनमें बड़ी तादाद में महिलाएं भी शामिल थीं। एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि इमरान खान को पिछले एक महीने से परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा, जो बेहद अमानवीय है। उन्होंने कहा कि “इमरान करोड़ों लोगों की आवाज़ हैं, और हमारा कर्तव्य है कि हम उनके परिवार के साथ खड़े हों।”

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