KNEWS DESK- एक समय था जब आर्टिकल 370 जम्मू कश्मीर के लिए बहुत बड़ा मुद्दा था लेकिन इसे हटे अब 4 साल हो चुके हैं। इसी को लेकर अब एक बार फिर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। दरअसल, अनुच्छेद 370 निरस्त करने की चौथी वर्षगांठ के मौके पर पीडीपी के कई नेताओं को कथित तौर पर हिरासत में ले लिया गया और पार्टी चीफ महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया।
केंद्र सरकार पर बोला हमला
पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, “सरकार और जम्मू-कश्मीर के एलजी अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद राज्य (अब यूटी) में आई “शांति” का जश्न मना रहे हैं. मैं राष्ट्रपति कैनेडी को उद्धृत करना चाहता हूं जिन्होंने “कब्र की शांति और गुलाम की चुप्पी” के खिलाफ चेतावनी दी थी.’
The Government and the LG of Jammu & Kashmir celebrate the "peace" that has descended on the State (now UT) after the abrogation of Article 370
I wish to quote President Kennedy who warned against the "peace of the grave and the silence of the slave"
If there is so much peace…
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 6, 2023
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “अगर जम्मू-कश्मीर में इतनी शांति है तो सरकार ने सुश्री महबूबा मुफ़्ती को घर में नज़रबंद क्यों कर दिया है और पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के कार्यालयों को सील कर दिया है? पूरे भारत में स्वतंत्रता का दमन किया जाता है लेकिन जम्मू-कश्मीर में इसका सबसे अधिक दमन किया जाता है.”
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी को नहीं मिली इजाजत
पीडीपी श्रीनगर में एक रैली आयोजित करना चाहती थी, जिसकी इजाजत डीजीपी ने नहीं दी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने शुक्रवार को कहा कि श्रीनगर प्रशासन ने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने की चौथी वर्षगांठ पर पार्टी को कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
महबूबा महबूबा मुफ्ती ने एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट करते हुए लिखा, “जम्मू-कश्मीर पुलिस 5 अगस्त की पूर्व संध्या पर पीडीपी नेताओं को हिरासत में क्यों ले रही है? इस वीडियो में आरिफ लैगरू को पुलिस ले गई है.’ वीडियो में कथित तौर पर एक पीडीपी नेता को पुलिस वाहन में ले जाते हुए दिखाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। सुनवाई के दूसरे दिन गुरुवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पूछा कि संविधान सभा की अनुपस्थिति में प्रावधान को कैसे रद्द किया जा सकता है? मामले में सुनवाई 8 अगस्त को फिर शुरू होगी।