KNEWS DESK- समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लागू होने के बाद आम लोगों के उत्तराधिकार से जुड़ी व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेगा। नए कानून के तहत, यदि संतान की मृत्यु होती है, तो माता-पिता को भी उसकी चल-अचल संपत्ति में हिस्सा मिलेगा। वर्तमान में, पति की मृत्यु के बाद संपत्ति और बैंक बैलेंस का अधिकार केवल पत्नी को मिलता है, जिससे माता-पिता अक्सर बेसहारा रह जाते हैं। यूसीसी के अंतर्गत इस विसंगति को समाप्त करने की योजना है।
यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार
यूसीसी की नियमावली का ड्राफ्ट हाल ही में सरकार को सौंपा गया है। यह ड्राफ्ट अंग्रेजी में है और अब इसे अनुवाद के साथ विधि और न्याय विभाग के समक्ष तकनीकी समीक्षा के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद, सरकार मंत्रिमंडल की बैठक कर यूसीसी को प्रभावी तरीके से लागू करने की तैयारी कर सकती है, साथ ही लागू होने की तिथि की भी घोषणा कर सकती है।
विवाह और पंजीकरण संबंधी नियम
यूसीसी का ड्राफ्ट दो वॉल्यूम में है, जिसमें एक वॉल्यूम में 200 और दूसरे में 410 पन्ने शामिल हैं। इसमें विवाह, विवाह विच्छेद, लिव-इन रिलेशनशिप, जन्म और मृत्यु पंजीकरण, तथा उत्तराधिकार संबंधी नियमों की प्रक्रियाओं को विस्तार से बताया गया है। यह नियमावली यह भी स्पष्ट करेगी कि यदि विवाह या संबंधित प्रक्रियाओं का पंजीकरण नहीं कराया जाता है, तो क्या कार्रवाई की जाएगी और संभावित सजाएं क्या हो सकती हैं।
पंजीकरण के लिए समयसीमा
यूसीसी लागू होने के बाद, उन सभी पति-पत्नी को विवाह का पंजीकरण कराने के लिए छह माह का समय दिया जाएगा, जिन्होंने कानून लागू होने से पहले शादी की है। यह कदम न केवल उत्तराधिकार के मामलों को सरल बनाएगा, बल्कि परिवारों के बीच संपत्ति के बंटवारे में पारदर्शिता भी लाएगा।
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