SHIV SHANKAR SAVITA- सन् 1555 में नास्त्रेदमस द्वारा लिखी गई किताब लेस प्रोफेसीस में फ्रांसीसी भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस की कही गई बात एक बार फिर सच साबित हुई। लेस प्रोफेसीस नामक किताब में नास्त्रेदमस ने 16वीं शताब्दी में ईसाई धर्मगुरू पोप फ्रांसिस की सेहत बिगड़ने की भविष्यवाणी की थी। इस भविष्यवाणी के जरिए नास्त्रेदमस ने कहा था कि वेटिकन सिटी के वृद्ध पोप की मौत के बाद एक युवावस्था का रोमन नागरिक धर्म प्रमुख का चयन होगा। युवा रोमन धर्म गुरु लंबे समय तक पद पर काबिज रहेंगे। हालांकि, धर्म गुरु इस दौरान कई गलत फैसले लेंगे। इसके चलते लोग उन्हें कम पसंद करेंगे। इसके बाद नवीन सत्तासीन प्रजा के साथ न्याय करेंगे।
फ्रांस के ईसाई धर्मगुरू पोप फ्रांसिस लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। सोमवार सुबह 07ः35 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली।पोप फ्रांसिस को 14 अप्रैल को सांस लेने में तकलीफ के चलते रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका निमोनिया और एनीमिया का इलाज चल रहा था। बताया जा रहा है कि पोप फ्रांसिस करीब 6 हफ्ते से फेफड़ों में संक्रमण के से परेशान थे।

कौन है नास्त्रेदमस और क्या की थी भविष्यवाणी
नास्त्रेदमस, जिनका असली नाम मिशेल दे नोस्त्रेदाम (Michel de Nostredame) था, 16वीं शताब्दी के फ्रांसीसी ज्योतिषी, चिकित्सक और भविष्यवक्ता थे। उनका जन्म 14 दिसंबर 1503 को फ्रांस के सेंट-रेमी-डी-प्रोवेंस में हुआ था और 2 जुलाई 1566 को उनका निधन हुआ। नास्त्रेदमस की सबसे प्रसिद्ध कृति लेस प्रोफेसीस (1555) है, जिसमें 942 चार-पंक्तियों वाली कविताएँ (quatrains) शामिल हैं। इन कविताओं को कई लोग भविष्यवाणियाँ मानते हैं, जिनमें उन्होंने विश्व इतिहास की प्रमुख घटनाओं की भविष्यवाणी की है। हालांकि, उनकी भाषा रहस्यमयी और प्रतीकात्मक है, जिससे उनकी व्याख्या विभिन्न तरीकों से की जाती रही है। नास्त्रेदमस ने 1666 में लंदन के भीषण अग्निकांड, हिटलर का उदय, 9/11 का हमला, कोरोना वायरस के फैलने की भविष्यवाणी इसी लेस प्रोफेसीस में की थी, जो बिल्कुल सत्य साबित हुई।