‘संदिग्ध डॉक्टरों से कोई निजी संबंध नहीं’…दिल्ली ब्लास्ट कनेक्शन में घिरी अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने दी सफाई

KNEWS DESK – दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच अब हरियाणा तक पहुंच गई है। फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी एक बार फिर सुर्खियों में है, क्योंकि इसी यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉक्टर मुजम्मिल और उमर-उन-नबी के नाम आतंकी मॉड्यूल से जुड़ने की जांच में सामने आए हैं। फरीदाबाद पुलिस ने हाल ही में डॉक्टर मुजम्मिल को गिरफ्तार किया था, जिसके कमरे से 360 किलो विस्फोटक और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए।

सूत्रों के अनुसार, जिस उमर उन नबी पर दिल्ली के लाल किले के पास हुए फिदायीन हमले का शक है, वह भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ था। इसी कड़ी में पुलिस ने यूनिवर्सिटी कैंपस में कई बार रेड की हैं और संदिग्ध लोगों से पूछताछ जारी है।

यूनिवर्सिटी ने दी सफाई

मामले के तूल पकड़ने के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने एक प्रेस रिलीज जारी कर सफाई पेश की है। यूनिवर्सिटी प्रबंधन का कहना है कि जिन डॉक्टरों के नाम जांच में आए हैं, उनका संस्थान से कोई व्यक्तिगत या निजी संबंध नहीं है। रिलीज में कहा गया, “वे केवल अपने आधिकारिक कार्यों से जुड़े थे। हमारे कैंपस में किसी भी तरह के खतरनाक रसायन या सामग्री का प्रयोग नहीं होता। न ही ऐसे केमिकल्स यहां रखे जाते हैं।”

“सभी गतिविधियां सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत”

यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ. भूपिंदर कौर आनंद ने कहा, “हम इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से गहराई से आहत हैं और इसकी कड़ी निंदा करते हैं। हमारी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जो इस धमाके से प्रभावित हुए हैं। हमारे यहां MBBS छात्रों की ट्रेनिंग पूरी तरह सुरक्षा मानकों और प्रोटोकॉल्स के तहत होती है।”

उन्होंने आगे कहा, “एक जिम्मेदार शैक्षणिक संस्थान के रूप में हम राष्ट्र के साथ एकजुट हैं। अल-फलाह यूनिवर्सिटी देश की एकता, शांति और सुरक्षा के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता दोहराती है। जांच एजेंसियों को हम हर संभव सहयोग दे रहे हैं ताकि वे निष्पक्ष और तार्किक निष्कर्ष तक पहुंच सकें।”

UGC से मान्यता प्राप्त संस्थान

अल-फलाह यूनिवर्सिटी को साल 2015 में UGC से मान्यता मिली थी। यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट और ह्यूमैनिटीज जैसे कोर्सेज चलाए जाते हैं। इसके साथ ही इसका खुद का अल-फलाह हॉस्पिटल भी है, जो मेडिकल कॉलेज का हिस्सा है। यहां देश और विदेश के कई छात्र पढ़ाई करते हैं।

फिलहाल, दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को सौंप दी गई है। एजेंसी अब फरीदाबाद से लेकर कश्मीर तक के नेटवर्क को खंगाल रही है। सुरक्षा एजेंसियां यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि आखिर इतना बड़ा विस्फोटक भंडार यूनिवर्सिटी कैंपस में कैसे पहुंचा और इसमें किन लोगों की भूमिका थी।