Nithari Case: निठारी कांड की जांच को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने व्यक्त की निराशा, बेंच बोली- बेशर्मी से…

KNEWS DESK- निठारी कांड की जांच को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निराशा व्यक्त की है। आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते सोमवार को आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया। पंढेर को उन दो मामलों में बरी कर दिया गया जिनमें उसे फांसी की सजा हुई थी, जबकि कोली को 12 मामलों में बरी कर दिया गया जिनमें उसे मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी।

सैयद आफताब हुसैन रिजवी और अश्वनी कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा, “इस मामले में साक्ष्य के आंकलन पर, भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत एक आरोपी को मुकदमे में निष्पक्ष सुनवाई की दी गई गारंटी के मद्देनजर, हमने पाया कि अभियोग पक्ष आरोपी एसके और पंढेर का अपराध, परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित एक मामले के तय मानकों पर उचित संदेह से परे साबित करने में विफल रहा.”

निठारी में 2006 में सामने आया था मामला

नोएडा के निठारी में एक नाले से आठ बच्चों के कंकाल मिलने के साथ दिसंबर 2006 में प्रकाश में आए इस सनसनीखेज मामले की जांच शुरुआत में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा की गई जिसे बाद में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया। निठारी कांड की जिस तरह से जांच की गई उस पर कोर्ट ने निराशा व्यक्त की खासकर पीड़ित ‘ए’ के लापता होने की जांच के संबंध में। पीठ ने कहा, “अभियोग का यह मामला आरोपी एसके (सुरेंद्र कोली) की स्वीकारोक्ति पर आधारित है जो उसने 29 दिसंबर, 2006 को यूपी पुलिस के समक्ष की.”

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्या कहा?

पीठ ने कहा कि आरोपी से पूछताछ दर्ज करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए थी जिसके कारण कंकाल, हड्डियां बरामद हुईं। पीठ ने कहा, जिस अनौपचारिक और सहज तरीके से गिरफ्तारी, बरामदगी और स्वीकारोक्ति के महत्वपूर्ण पहलुओं से निपटा गया, उनमे ज्यादातर निराशाजनक हैं। अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष शुरुआत में बरामदगी को संयुक्त रूप से पंढेर और कोली से दिखाने से लेकर बाद के चरण में दोष केवल कोली पर मढ़ने तक अपनी स्थिति बदलता रहा.

अदालत ने पाया कि मानव कंकाल की सभी बरामदगी मकान नंबर डी-5 (पंढेर) और डी-6 (एक डाक्टर के मकान) की दीवार से परे स्थित एक नाले से की गई और पंढेर के मकान से कोई बरामदगी नहीं की गई। पीठ ने कहा, “खोपड़ी, कंकाल/हड्डी की कोई बरामदगी मकान नंबर डी-5 के अंदर से नहीं की गई. इस मकान से केवल दो चाकुओं और एक कुल्हाड़ी की बरामदगी की गई जिसका दुष्कर्म, हत्या आदि के अपराध में निःसंदेह उपयोग नहीं किया गया, लेकिन कथित तौर पर पीड़ितों को गला घोंटकर मारने के बाद शरीर के अंगों को काटने के लिए इनका उपयोग किया गया था.”

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