KNEWS DESK… भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी की दानिश अली पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का विवाद गहराता जा रहा है. इस मामले को लेकर अब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बिधूड़ी के बयान की निंदा करते हुए दानिश अली पर रमेश बिधूड़ी को भड़काने का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने दावा किया कि दानिश अली ने पीएम मोदी के लिए अपशब्द कहे थे.
दरअसल, विपक्षी सांसदों की ओर से रमेश बिधूड़ी के खिलाफ ‘विशेषाधिकार के उल्लंघन’ के मामले में लोकसभा स्पीकर से कार्रवाई करने की मांग की गई है. इसी बीच निशिकांत दुबे ने 21 सितंबर को चली चर्चा के दौरान बसपा सांसद दानिश अली सहित कई अन्य विपक्षी सांसदों के व्यवहार को गलत बताते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच के लिए एक ‘जांच समिति’ बनाने की मांग की है. IANS के अनुसार स्पीकर बिरला को लिखे पत्र में निशिकांत दुबे ने पूरे घटनाक्रम का जिक्र करते हुए हुए लिखा है कि उस दिन रमेश बिधूड़ी ने जो भी कहा था वो निंदनीय था, लेकिन तथ्य यह है कि बिधूड़ी के पूरे भाषण के दौरान, उस दिन दानिश अली लगातार ‘रनिंग कमेंट्री’ कर रहे थे. वे बिधूड़ी को परेशान करने और उन्हें उकसाने के उद्देश्य से सभी के प्रति अभद्र टिप्पणियां भी कर रहे थे. जिससे उनकी शांति और संयम खो जाए और वह सदन में सही तरीके से अपने विचार व्यक्त न कर पाएं.
पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की-निशिकांत दुबे
जानकारी के लिए बता दें कि निशिकांत दुबे ने स्पीकर को लिखे पत्र में आगे आरोप लगाया कि दानिश अली लगातार रमेश बिधूड़ी को उकसाने का प्रयास कर रहे थे और उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक और निंदनीय टिप्पणी की. जिसे सुनकर कोई भी देशभक्त जनप्रतिनिधि अपनी शांति खोकर और उनके जाल में फंसकर अप्रिय बोल सकता था और उस दिन ऐसा ही हुआ. भाजपा सांसद ने सदन में चर्चा के दौरान बसपा सांसद दानिश अली और तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय के साथ-साथ डीएमके सांसदों पर भी सदन के अंदर अपशब्दों का इस्तेमाल करने और दिए गए बयानों की जांच करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष बिरला से एक ‘जांच समिति’ गठित करने का अनुरोध किया.
दानिश अली ने भी अक्षम्य शब्दों का इस्तेमाल किया-निशिकांत दुबे
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने जांच समिति के गठन के पक्ष में तर्क देते हुए आगे लिखा कि विशेषाधिकार के उल्लंघन का पहलू जिस पर दानिश अली और कुछ अन्य संसद सदस्य मुखर हो रहे हैं, उसे अलग से लागू नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह गंभीर अन्याय होगा क्योंकि उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट होता है कि उस दिन चर्चा के दौरान न केवल रमेश बिधूड़ी ने अनुचित व्यवहार प्रदर्शित किया है, बल्कि दानिश अली ने भी अत्यधिक निंदनीय और अक्षम्य शब्दों का इस्तेमाल कर सदन की गरिमा को गिराने का काम किया है. निशिकांत दुबे ने लिखा कि इसके अलावा, अन्य सदस्यों और पार्टियों ने भी दूसरे समुदाय की ‘आस्था’ के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणियां की हैं. यदि बिधूड़ी ने अनुचित कार्य किया है, तो उनके विचार से, दानिश अली सहित अन्य सांसदों ने भी समुदायों के बीच शत्रुता फैलाने में योगदान दिया है. इसलिए मैं स्पीकर से एक जांच समिति का गठन कर इन सभी के बयानों और व्यवहार की जांच की मांग करता हूं.