दिल्ली ब्लास्ट केस में NIA की बड़ी कार्रवाई, सुसाइड बॉम्बर यासिर डार गिरफ्तार, अब तक 9 आरोपी अरेस्ट

KNEWS DESK – दिल्ली में लाल किले के पास पिछले महीने हुए धमाके के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ी कामयाबी मिली है। एजेंसी ने इस आतंकी साजिश से जुड़े एक और अहम आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस केस में अब तक कुल 9 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। पकड़े गए आरोपी की पहचान यासिर अहमद डार के रूप में हुई है, जो जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित शोपियां इलाके का रहने वाला बताया जा रहा है। एनआईए ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया है।

एनआईए के मुताबिक, यासिर अहमद डार सिर्फ साजिशकर्ता ही नहीं, बल्कि एक आत्मघाती हमलावर भी था। जांच एजेंसी का कहना है कि यासिर ने दिल्ली में सुसाइड अटैक करने की कसम खा रखी थी। उसे गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत केस नंबर RC-21/2025/NIA/DLI में गिरफ्तार किया गया है।

धमाके की साजिश में अहम भूमिका

एनआईए की जांच में सामने आया है कि 10 नवंबर को दिल्ली में हुए कार धमाके की साजिश में यासिर की अहम भूमिका थी। वह इस पूरे प्लान में सक्रिय रूप से शामिल था और हमले को अंजाम देने के लिए पूरी तरह तैयार था। जांच एजेंसी को यह भी जानकारी मिली है कि यासिर लगातार इस केस के अन्य आरोपियों के संपर्क में था। इनमें धमाके को अंजाम देने वाला आतंकी उमर नबी और मुफ्ती इरफान जैसे नाम शामिल हैं।

कई ठिकानों पर छापेमारी

एनआईए इस आतंकी नेटवर्क की पूरी कड़ी को उजागर करने के लिए केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर जांच कर रही है। इसी कड़ी में हाल ही में जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में कई आरोपियों और संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की गई। इन तलाशी अभियानों के दौरान एजेंसी ने डिजिटल डिवाइस और अन्य आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की है।

इससे पहले हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी परिसर समेत कई अन्य जगहों पर भी छापेमारी की जा चुकी है। वहां मुख्य आरोपियों डॉ. मुजम्मिल शकील गनी और डॉ. शाहीन सईद से जुड़े ठिकानों की तलाशी ली गई थी।

कोर्ट में पेशी और वॉयस सैंपल

इस केस में एनआईए ने कुछ दिन पहले आरोपी डॉ. नासिर बिलाल मल्ला को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया था। एजेंसी ने कोर्ट से उसके वॉयस सैंपल टेस्ट की अनुमति मांगी थी, जिसे मंजूरी मिल गई। एनआईए का कहना है कि आगे की जांच के लिए आरोपियों के वॉयस सैंपल बेहद जरूरी हैं।

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