नई दिल्ली: आम जनता को फिर एक बार लगा महंगाई का झटका, त्योहारों से पहले बढ़े LPG सिलेंडर के दाम

KNEWS DESK – त्योहारों का सीजन शुरू होने से पहले, आम जनता को महंगाई का एक और झटका लगा है। आज, 1 अक्टूबर को LPG सिलेंडर के दाम में 50 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है। यह बढ़ोतरी विशेष रूप से कमर्शियल LPG सिलेंडर पर लागू हुई है, जबकि घरेलू गैस सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। भारतीय ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने 1 अक्टूबर 2024 को यह जानकारी दी है।

घरेलू गैस सिलेंडर के दाम

आपको बता दें कि देश के चारों महानगरों में गैस सिलेंडर की कीमतों में हाल ही में अपडेट किया गया है, जिसमें घरेलू गैस सिलेंडर के दाम स्थिर हैं, जबकि वर्तमान में, दिल्ली में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 803 रुपए, कोलकाता में 829 रुपए, मुंबई में 802.50 रुपए, और चेन्नई में 818.50 रुपए है। मार्च में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में 100 रुपए की कटौती की गई थी, और अगस्त में 200 रुपए की और कटौती की गई थी। इस प्रकार, पिछले एक वर्ष में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में कुल 300 रुपए की कमी आई है।

LPG Gas booking number IOC Bharat gas HP Gas lpg gas booking number delhi |  LPG Booking: आप भी कर रहे हैं सिलेंडर की बुकिंग तो फोन में सेव कर लें येकमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतें

इसके विपरीत, कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतें पिछले तीन महीनों में लगातार बढ़ी हैं। अक्टूबर में इनकी कीमतें 1900 रुपए के स्तर को पार कर गई हैं। चेन्नई में कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 1903 रुपए और कोलकाता में 1850.50 रुपए हो गई है। वहीं, दिल्ली और मुंबई में कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतें क्रमशः 1740 रुपए और 1692.50 रुपए पर पहुंच गई हैं।

कीमतों में बढ़ोतरी का विवरण

पिछले तीन महीनों में, देश के चारों महानगरों में कमर्शियल गैस सिलेंडर की औसत कीमतों में 94 रुपए की वृद्धि हुई है। विशेष रूप से, दिल्ली में यह वृद्धि 94 रुपए, कोलकाता में 94.5 रुपए, मुंबई में भी 94.5 रुपए, और चेन्नई में 93.5 रुपए रही है।

आम जनता पर महंगाई का असर

महंगाई के इस दौर में, जहां आम जनता पहले से ही खाद्य पदार्थों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि का सामना कर रही है, LPG सिलेंडर की बढ़ती कीमतें और परेशानी का सबब बन सकती हैं। त्योहारों के दौरान जब परिवार मिलकर विशेष भोजनों की तैयारी करते हैं, ऐसे में गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव डाल सकती है।

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