KNEWS DESK : भारत में विधानसभा और लोकसभा चुनावों को एक साथ कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मोदी कैबिनेट ने आज ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह प्रस्ताव पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर स्वीकृत किया गया है, और इसे आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की संभावना है।
प्रस्ताव को पीएम मोदी की कैबिनेट ने दी मंजूरी
आपको बता दें कि ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। यह निर्णय पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया, जिसने मार्च में इस विषय पर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की थीं।
इस प्रस्ताव पर चर्चा का आगाज़ गृह मंत्री अमित शाह ने किया था, जिन्होंने सरकार के 100 दिनों के कार्यकाल के पूरा होने पर इस दिशा में संकेत दिए थे। यह निर्णय राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देने और चुनावी खर्चों में कमी लाने के उद्देश्य से किया गया है।
समिति की सिफारिशें
कोविंद कमेटी ने पहले चरण के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश की है। इसके अलावा, समिति ने सुझाव दिया है कि लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों के संपन्न होने के 100 दिन के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव भी आयोजित किए जाने चाहिए। इससे पूरे देश में सभी स्तर के चुनाव एक निश्चित समयावधि में संपन्न कराए जा सकेंगे।
पीएम मोदी का समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंबे समय से ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ का समर्थन किया है। उन्होंने कहा था, “मैं सभी से एक राष्ट्र एक चुनाव के संकल्प को हासिल करने के लिए एक साथ आने का अनुरोध करता हूं, जो समय की मांग है।” उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव केवल तीन या चार महीने के लिए होने चाहिए, ताकि पूरे पांच साल राजनीति में स्थिरता बनी रहे।
राजनीतिक पार्टियों की प्रतिक्रिया
कोविंद कमेटी ने 62 राजनीतिक पार्टियों से संपर्क किया, जिनमें से 32 ने ‘एक देश, एक चुनाव’ का समर्थन किया, जबकि 15 पार्टियों ने इसका विरोध किया। कुछ प्रमुख समर्थक दलों में जेडीयू और एलजेपी (आर) शामिल हैं, जिन्होंने इसे समय और पैसे की बचत के लिए फायदेमंद बताया। वहीं, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, सीपीएम, और बसपा जैसे दलों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया।
इस प्रस्ताव की मंजूरी के बाद, यह देखा जाएगा कि इसे किस प्रकार कार्यान्वित किया जाएगा, और इसके लिए क्या कदम उठाए जाएंगे। ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ का लक्ष्य चुनावी प्रक्रिया को सरल बनाना और राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देना है, जो भारतीय लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
क्या है ‘वन नेशन वन इलेक्शन’?
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का मतलब है कि केंद्र और राज्य स्तर पर चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। इससे न केवल चुनावी प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकेगा, बल्कि यह मतदाता सहभागिता को भी बढ़ावा देगा।