महिलाओं को लेकर एनसीपी नेता की चौंकाने वाली मांग, राष्ट्रपति को पत्र भेजकर एक हत्या की छूट की अपील की

KNEWS DESK-  महिला दिवस के मौके पर, शरद पवार की पार्टी एनसीपी की महिला इकाई ने एक विवादित और चौंकाने वाली मांग उठाई है। एनसीपी की महिला इकाई की प्रदेश अध्यक्ष रोहिणी खडसे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर एक अनोखी मांग की। खडसे ने पत्र में कहा कि महिलाओं को दमनकारी मानसिकता, यौन हिंसा, और निष्क्रिय कानून व्यवस्था के खिलाफ लड़ने के लिए “एक हत्या करने पर सजा में छूट” दी जानी चाहिए।

खडसे ने पत्र में स्पष्ट किया कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों में हो रही बढ़ोतरी को लेकर यह मांग की जा रही है। उन्होंने मुंबई में 26 फरवरी को एक नाबालिग लड़की से सामूहिक दुष्कर्म की घटना का हवाला दिया और कहा कि ऐसी घटनाएं महिलाओं की सुरक्षा को खतरे में डाल रही हैं। पत्र में खडसे ने कहा कि हम सभी महिलाओं की ओर से यह मांग कर रहे हैं कि हमें एक हत्या करने की छूट दी जाए, ताकि हम उस मानसिकता को समाप्त कर सकें जो महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और यौन हिंसा को बढ़ावा देती है।

अपने पत्र में खडसे ने माफी भी मांगी और कहा कि यह मांग “महिलाओं की सुरक्षा” की भावना से प्रेरित है। उन्होंने हालिया सर्वेक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि भारत को एशिया का सबसे असुरक्षित देश बताया गया है जब बात महिलाओं की सुरक्षा की आती है। इस संदर्भ में उन्होंने यह मांग की कि महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए कोई अधिकार मिलना चाहिए, क्योंकि महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बढ़ती संख्या एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है।

पत्र में खडसे ने भारत के इतिहास की उन महिलाओं का उदाहरण भी दिया जिन्होंने अपने समय में अपनी रक्षा के लिए तलवारें उठाई थीं। उन्होंने महारानी ताराबाई और पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर का उदाहरण दिया, जो अपने राज्य और लोगों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रही थीं। खडसे का कहना था कि जैसे इन महिलाओं ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया, वैसे ही आज की महिलाएं भी अपनी सुरक्षा की लड़ाई लड़ने का हक रखती हैं।

खडसे ने पत्र में यह भी कहा कि भारत को महात्मा गांधी और महात्मा बुद्ध की भूमि के रूप में जाना जाता है, जो शांति और अहिंसा के प्रतीक थे, लेकिन आज महिलाएं अपने देश में असुरक्षित महसूस करती हैं। उन्होंने चिंता जताई कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है, जो समाज की एक गंभीर समस्या बन चुकी है।

खडसे ने अपने पत्र में मुंबई में एक 12 वर्षीय लड़की से हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना का उदाहरण दिया। उन्होंने इसे बेहद चिंताजनक बताते हुए कहा, “एक 12 वर्षीय लड़की! स्थिति की कल्पना करें!” इस घटना को लेकर खडसे ने कहा कि यह एक गंभीर संकट है और इसे रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है।

एनसीपी की महिला इकाई की प्रदेश अध्यक्ष रोहिणी खडसे द्वारा की गई इस मांग ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है। उनका यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि महिलाओं की सुरक्षा और उनके खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है। हालांकि, इस मांग को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा और अपराधों के खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

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