75 साल के हुए पीएम नरेंद्र मोदी: बचपन के संघर्ष से लेकर विश्व मंच पर भारत की नई पहचान तक का सफर

शिव शंकर सविता- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 75 वर्ष के हो गए हैं। 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में जन्मे मोदी का जीवन संघर्षों से भरा रहा। एक चायवाले के बेटे से लेकर देश के प्रधानमंत्री बनने तक का उनका सफर आज करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

बचपन और संघर्ष

नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ। बचपन में उन्होंने अपने पिता के साथ रेलवे स्टेशन पर चाय बेची और जीवन यापन में सहयोग किया। शुरुआती दिनों में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े और संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय हो गए।

राजनीति में प्रवेश

मोदी का राजनीति में आगमन भारतीय जनता पार्टी (BJP) के माध्यम से हुआ। संगठन में मेहनत और रणनीतिक सोच के कारण उन्होंने जल्द ही अपनी पहचान बनाई। 1990 के दशक में भाजपा को मजबूती दिलाने में मोदी का अहम योगदान माना जाता है।

गुजरात के मुख्यमंत्री का कार्यकाल

2001 में उन्हें गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया। उनके नेतृत्व में गुजरात ने बुनियादी ढांचे और औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में बड़ी प्रगति की। हालांकि 2002 के गुजरात दंगे उनके राजनीतिक करियर का सबसे बड़ा विवाद रहे, जिसके लिए उन्हें लंबे समय तक आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। बावजूद इसके, उन्होंने लगातार तीन बार राज्य में भाजपा को जीत दिलाई।

राष्ट्रीय राजनीति और प्रधानमंत्री पद

2014 में नरेंद्र मोदी ने भाजपा को ऐतिहासिक बहुमत दिलाकर प्रधानमंत्री पद संभाला। उनके नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कई बड़े कदम उठाए – जनधन योजना, आयुष्मान भारत, स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना, गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) और नोटबंदी जैसे निर्णयों ने व्यापक असर डाला। 2019 में वह फिर से भारी बहुमत से सत्ता में लौटे और अनुच्छेद 370 हटाने, तीन तलाक कानून और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) जैसे बड़े फैसले किए।

अंतरराष्ट्रीय पहचान

मोदी ने वैश्विक मंचों पर भारत की मजबूत पहचान बनाई। अमेरिका, जापान और रूस जैसे देशों के साथ रिश्ते गहरे हुए, वहीं जी-20 सम्मेलन की मेजबानी कर भारत ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई ऊंचाई हासिल की।

विवाद और आलोचनाएँ

मोदी के कार्यकाल में जहां विकास योजनाओं और विदेश नीति की तारीफ हुई, वहीं किसानों के आंदोलन, नोटबंदी, बेरोजगारी, महंगाई और अल्पसंख्यक नीतियों को लेकर आलोचना भी हुई। विपक्ष अक्सर उन पर ‘हिंदुत्व की राजनीति’ करने का आरोप लगाता रहा है।

वर्तमान स्थिति

आज नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं में गिने जाते हैं। कई अंतरराष्ट्रीय सर्वे में उनकी लोकप्रियता 70% से ज्यादा दर्ज की गई है। तीसरे कार्यकाल की दिशा में बढ़ते हुए उन्होंने “विकसित भारत 2047” का लक्ष्य रखा है और ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के विजन को आगे बढ़ा रहे हैं।