KNEWS DESK- भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर तीखा हमला करते हुए कहा कि इमरजेंसी 1975 में देश के कल्याण के लिए नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी ने अपनी सत्ता और कुर्सी को बचाने के लिए लागू की थी। नड्डा ने यह बयान संसद परिसर में विपक्षी सांसदों द्वारा बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान दिया।
कांग्रेस पर हमला
नड्डा ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि इमरजेंसी का लागू होना एक ऐतिहासिक गलत कदम था, जिसे केवल और केवल कांग्रेस पार्टी ने अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए लागू किया था। उन्होंने यह भी कहा कि इमरजेंसी के दौरान लाखों लोगों को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया और देश में लोकतंत्र को कुचला गया। नड्डा के अनुसार, यह कार्रवाई पूरी तरह से कांग्रेस के निजी हितों के लिए थी, न कि देश की भलाई के लिए।
विपक्षी सांसदों का विरोध प्रदर्शन
इस बीच, संसद परिसर में विपक्षी सांसदों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सांसदों ने तख्तियों और बैग पर संदेश लिखकर विरोध किया, जिसमें बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न की निंदा की गई थी। विपक्षी सांसदों ने बांग्लादेश सरकार से अपील की कि वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करे और इस प्रकार के अत्याचारों को रोके।
विपक्षी सांसदों का यह विरोध प्रदर्शन बांग्लादेश में हो रहे धार्मिक उत्पीड़न के खिलाफ एकजुटता का प्रतीक था। उनका कहना था कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को वैश्विक मंच पर उठाया जाना चाहिए, ताकि उन्हें न्याय मिल सके।
संसदीय राजनीति में उभरते विवाद
नड्डा और खरगे के बीच यह बयानबाजी संसदीय राजनीति में एक नए विवाद को जन्म दे सकती है, क्योंकि दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में जुटे हैं। कांग्रेस पार्टी जहां इमरजेंसी के समय को लोकतंत्र की रक्षा के रूप में देखती है, वहीं भाजपा इसे सत्ता बचाने की साजिश मानती है। यह देखना अब महत्वपूर्ण होगा कि इस राजनीतिक संघर्ष के बीच विपक्षी दलों के बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को लेकर क्या कदम उठाए जाते हैं।
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