मुस्लिम लीग हुआ नाराज, UCC को लेकर होने वाली बैठक में कांग्रेस को शामिल न करने पर जताई नाराजगी

KNEWS DESK-  देश में इस समय यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा सबसे ज्यादा चर्चाओं में है। कई विपक्षी दल खुलकर इसके विरोध में उतर आए हैं। यूसीसी को लागू न होने देने के लिए देश में तमाम बैठकें भी हो रही हैं। इसी बीच सीपीएम केरल के कोझीकोड में एक सेमीनार करने जा रहा है। इसमें इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग यानि आईयूएमएल भी शामिल होने वाला था लेकिन अब संगठन ने इसका हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है। उसका कहना है कि अगर इस कार्यक्रम में कांग्रेस शामिल नहीं होगी तो इससे राज्य में दोनों पार्टियों के बीच पड़ी फूट सबके सामने आ जाएगी और बीजेपी को इसका फायदा होगा। जिसके बाद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने कहा कि यूसीसी के विरोध में होने वाली हर बैठक में कांग्रेस को बुलाया जाना चाहिए अगर कांग्रेस मीटिंग में नहीं होगी तो इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा।

Kerala Meeting against UCC Indian Union Muslim League will not join Seminar Against Uniform Civil Code UCC को लेकर होने वाली बैठक में कांग्रेस को न बुलाने से मुस्लिम लीग नाराज, मीटिंग में नहीं होगी शामिल

“कांग्रेस के बिना बैठक में नहीं शामिल होंगे”

कांग्रेस के सहयोगी दल आईयूएमएल के सदस्य और केरल में पार्टी अध्यक्ष सादिक अली शिहाब थंगाल ने कहा कि पार्टी ने यूसीसी के विरोध में होने जा रहे सेमीनार में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर अन्य मुस्लिम संगठन कार्यक्रम में शामिल होना चाहते हैं तो यह उनकी मर्जी है, लेकिन हम कांग्रेस के बिना सेमीनार में शामिल नहीं हो सकते हैं।

कांग्रेस शामिल न करने पर बीजेपी को होगा फायदा- IUML

वहीं, आईयूएमएल के राष्ट्रीय महासचिव पी.के. कुनहालीकुट्टी ने कहा कि वह सभी समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ एक अलग सेमीनार का आयोजन करेंगे। उन्होंने कहा कि यूसीसी के विरोध में होने वाले हर सेमीनार में कांग्रेस को जरूर शामिल करना चाहिए और अगर उसको शामिल नहीं किया गया तो राज्य में पार्टियों के बीच इस फूट का फायदा बीजेपी को मिलेगा। सुन्नी संगठन समस्त केरल जाम-इय्यातुल उल्मा ने सेमीनार का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।

इस दिन होगी UCC के विरोध में बैठक

15 जुलाई को होने जा रहे इस सेमीनार के लिए सीपीएम ने कांग्रेस को शामिल होने के लिए नहीं बुलाया है। केरल में सीपीएम और कांग्रेस कट्टर दुश्मन हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और बिहार जैसे राज्यों में दोनों दलों के बीच ऐसी स्थिति नहीं है और कई जगह दोंनों गठबंधन में भी हैं।

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