उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र शुरू, विपक्ष और सत्ता पक्ष आमने-सामने

KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है और पहले ही दिन सदन के अंदर और बाहर गहमा-गहमी का माहौल देखने को मिला। जहां एक ओर सरकार अपनी विकास योजनाओं और “विजन डॉक्यूमेंट-2047” का मसौदा सदन में पेश करने जा रही है, वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) ने बाढ़, स्कूलों के विलय और बिजली के निजीकरण जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है।

सत्र से पहले डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मीडिया से बातचीत में कहा, “विधानसभा सत्र में विभिन्न विधेयकों पर चर्चा होगी और सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याएं उठाएंगे। हमारी सरकार प्रदेश के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। विपक्ष को भी सदन में रचनात्मक और सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए।”

सत्ता पक्ष द्वारा पेश किया जाने वाला “विजन डॉक्यूमेंट-2047” राज्य के दीर्घकालिक विकास की दिशा में एक रणनीतिक दस्तावेज है, जिसमें भविष्य के लिए योजनाएं और प्राथमिकताएं निर्धारित की जाएंगी।

सत्र के पहले दिन सपा विधायक सचिन यादव ने सरकार के विरोध में अनोखा अंदाज अपनाया। वह एक विशेष ड्रेस पहनकर विधानसभा पहुंचे, जो तुरंत चर्चा का विषय बन गई। उनके काले रंग के कुर्ते पर “बेरोजगारी”, “भ्रष्टाचार”, “आत्महत्या” जैसे शब्द लिखे थे, जो युवाओं और आम जनता की परेशानियों की ओर इशारा करते हैं।

सचिन यादव के हाथ में एक फोल्ड की गई डिग्री की प्रति भी थी और उन्होंने ऐसी ड्रेस पहनी थी जैसी छात्र विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त करते समय पहनते हैं। इस प्रतीकात्मक प्रदर्शन के जरिए उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि शिक्षा और डिग्री हासिल करने के बावजूद युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है।

सत्र के पहले दिन की हलचल से साफ है कि आगे के दिनों में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहसें देखने को मिलेंगी। समाजवादी पार्टी ने संकेत दिया है कि वह शिक्षा नीति में बदलाव, बाढ़ प्रबंधन की विफलता और बिजली के निजीकरण जैसे ज्वलंत मुद्दों को पूरी ताकत से सदन में उठाएगी। वहीं भाजपा और सरकार, अपनी योजनाओं और विकास कार्यों को सदन में सामने रखकर विपक्ष के हमलों का तथ्यात्मक जवाब देने की तैयारी में है।