मानसून सत्र : अमित शाह ने दिल्ली सेवा बिल राज्यसभा में किया पेश, जानिए क्या है नम्बर गेम?

KNEWS DESK… दिल्ली सेवा बिल लोकसभा में पारित हो चुका है जिसके बाद आज केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में पेश किया है. जिसको राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सरकार संशोधन -बिल 2023 नाम दिया गया है. सत्तापक्ष और विपक्ष ने अपने-अरने सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में मौजूद रहने को कहा है.

दरअसल आपको बता दें कि दिल्ली में अधिकारियों की जंग वाले दिल्ली सेवा बिल पर आप को 26 दलों ने समर्थन दिया है.इसी बीच तेलंगाना की सत्ताधारी BRS ने भी अपने सांसदों का बिल विरोध करने के लिए कहा है. जबकि बसपा इस बिल को पर बाॅसकाट करेगी. इसी बीच TDP,YSRCP और BJD ने केंद्र सरकार का इस बिल को लेकर समर्थन कर रही हैं. माना जा रहा है कि इस बिल पर चर्चा के बाद आज सोमवार की शाम इस वोटिंग हो सकती है. इससे पहले लोकसभा में विपक्षी पार्टियों के बाॅयकाट के बीच गूज उठा था.

 

जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली सेवा बिल को लेकर केंद्र सरकार औऱ केजरीवाल सरकार के बीच ठनी हुई है. दिल्ली विधानसभा और केंद्र सरकार के कामकाज के लिए एक रुपरेखा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम ,1991 लागू है.2021 में केंद्र सरकार ने इसमें संशोधन किया था. संशोधन के तहत दिल्ली में सरकार के संचालन, कामकाज को लेकर कुछ फैसले के लिए LG की राय लेना अनिवार्य कियी गया था. GNCTD अधिनियम में किए गए संशोधन में कहा गया था, ‘राज्य की विधानसभा द्वारा बनाए गए किसी भी कानून में सरकार का मतलब उपराज्यपाल होगा.’ इसी पर मूल रूप से दिल्ली की केजरीवाल सरकार को अपत्ति थी.इसी को आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.  केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि राजधानी में भूमि और पुलिस जैसे कुछ मामलों को छोड़कर बाकी सभी मामलों में दिल्ली की चुनी हुई सरकार की सर्वोच्चता होनी चाहिए.

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राज्यसभा में क्या कहता नम्बर गणित?

राज्यसभा में भी इस बिल को पास कराने में मोदी सरकार के लिए कोई मुश्किल नहीं है. वाईएसआर कांग्रेस और बीजेडी दोनों पार्टियों के राज्यसभा में नौ-नौ सदस्य हैं. वहीं, भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन की पार्टियों के केवल 101 सांसद ही राज्यसभा में हैं. BRS के सात सदस्यों और निर्दलीय सदस्य कपिल सिब्बल के समर्थन से बिल का विरोध करने वाले सदस्यों की संख्या 109 पहुंच गई है. वहीं, एनडीए के 111 और बीजेडी और YSRCS के 18 सदस्यों को जोड़ने पर बिल का समर्थन करने वाले सदस्यों की संख्या हो जाएगी. बढ़कर 129. ऐसे में सरकार के लिए दिल्ली सर्विसेज बिल को दोनों सदनों में पास कराने की राह आसान नजर आ रही है.

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