KNEWS DESK- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में केस चलाने की मंजूरी प्रवर्तन निदेशालय (ED) को गृह मंत्रालय ने दे दी है। यह मंजूरी दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना द्वारा पहले ही दी जा चुकी थी। अब ED के पास इस मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू करने का अधिकार है।
गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद, यह मामला एक नया मोड़ लेता है, क्योंकि इसमें केजरीवाल को शराब नीति घोटाले में आरोपी बनाया गया है। ED ने पिछले साल PMLA कोर्ट में इस मामले में चार्जशीट दायर की थी, जिसमें केजरीवाल समेत अन्य आरोपियों पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया था।
यह निर्णय ऐसे समय लिया गया है, जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक हैं। दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को होंगे, और इसके परिणाम 8 फरवरी को आएंगे। इस फैसले को चुनाव से महज 20 दिन पहले लिया गया है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
कानूनी प्रक्रिया के तहत, ED को सरकारी कर्मचारियों पर मुकदमा चलाने के लिए पहले अनुमोदन लेना आवश्यक होता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में निर्देश दिया था कि इस प्रकार के मामलों में सरकार से स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य है। इसी प्रक्रिया के तहत 5 दिसंबर को ED ने दिल्ली के एलजी से केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की अनुमति मांगी थी, जिसे शनिवार को मंजूरी मिल गई।
इस केस की मंजूरी को लेकर दिल्ली में सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई मान रहे हैं, जबकि भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने इस निर्णय को सही ठहराया है। इस मामले की कानूनी लड़ाई अब और भी दिलचस्प हो सकती है, खासकर दिल्ली चुनाव के नजदीक आने पर।
यह घटनाक्रम अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के लिए एक नया चुनौती पेश कर रहा है, और इससे दिल्ली के आगामी चुनावों में राजनीतिक माहौल पर भी असर पड़ सकता है।
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