KNEWS DESK – बिहार की मोकामा विधानसभा सीट से जेडीयू विधायक अनंत सिंह को बड़ी कानूनी मुश्किल का सामना करना पड़ा है। विधानसभा चुनाव के दौरान हुए दुलारचंद यादव हत्याकांड में उनकी जमानत याचिका पटना सिविल कोर्ट ने खारिज कर दी है। अनंत सिंह ने कोर्ट में खुद को “राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार” बताते हुए राहत की गुहार लगाई थी, लेकिन अदालत ने उनकी दलीलों को स्वीकार नहीं किया।
राजनीतिक साजिश का दावा
जमानत याचिका में अनंत सिंह का तर्क था कि उनका इस हत्या से कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी बढ़ती राजनीतिक लोकप्रियता और सियासी प्रभाव को खत्म करने के लिए उन्हें इस मामले में फंसाया गया है। हालांकि अदालत ने केस डायरी और पुलिस रिपोर्ट के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया।
चुनाव के दौरान हुई थी हत्या, वोटिंग से पहले हुई गिरफ्तारी
मोकामा में चुनाव के बीच ही दुलारचंद यादव की हत्या हो गई थी। शुरुआती जांच में अनंत सिंह का नाम सामने आने पर पुलिस ने उन पर एफआईआर दर्ज की और उन्हें 1 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया। एक दिन बाद उन्हें कोर्ट में पेश कर बेउर जेल भेज दिया गया था।
अनंत सिंह हाल ही में मोकामा से पांचवीं बार विधायक बने हैं। उन्होंने आरजेडी उम्मीदवार को 28 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। जीत के बावजूद हत्याकांड का यह मामला उनके लिए बड़ी परेशानी बन गया है।
अनंत सिंह का पक्ष: ‘हमें साजिश के तहत फंसाया’
हत्या के बाद अनंत सिंह ने कहा था कि वे अपने समर्थकों के साथ टाल इलाके में वोट मांग रहे थे। तभी 7-8 गाड़ियों में आए लोगों ने “मुर्दाबाद” के नारे लगाए और तनाव बढ़ गया। वे आरोप लगाते रहे हैं कि पूर्व सांसद सूरजभान सिंह पूरे घटनाक्रम के पीछे हैं।
अनंत का दावा था कि “सूरजभान सिंह ने दुलारचंद को अपना शागिर्द बनाकर रखा था और उसी के जरिए माहौल बिगाड़ने की कोशिश हुई।”