अल-कायदा साजिश मामले में दोषी मोहम्मद मोईद को सजा, एनआईए कोर्ट ने सुनाई एक साल नौ महीने की सजा

डिजिटल डेस्क- लखनऊ की विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने शुक्रवार को अल-कायदा से जुड़ी आतंकी साजिश के एक मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी मोहम्मद मोईद को दोषी करार देते हुए एक साल नौ महीने 13 दिन की सजा और 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। अदालत ने मोईद को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) और शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1-बी)(ए) के तहत दोषी पाया। हालांकि, इस मामले में अन्य पांच आरोपियों के खिलाफ मुकदमा अभी भी विशेष एनआईए कोर्ट में विचाराधीन है। मोहम्मद मोईद ने कोर्ट में अपना अपराध स्वीकार कर लिया था। सुनवाई के दौरान मोईद ने माना कि वह पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर सक्रिय आतंकी संगठन अल-कायदा की साजिश में शामिल था। उसके इस स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर कोर्ट ने उसे दोषी मानते हुए सजा सुनाई।

2021 से जुड़ा है मामला

यह पूरा मामला साल 2021 में उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा चलाए गए एक बड़े आतंकवाद-रोधी अभियान से जुड़ा है। जुलाई 2021 में एटीएस ने अल-कायदा से प्रभावित ‘अंसार गजवातुल हिंद’ (AGH) मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था। इस दौरान लखनऊ से दो संदिग्ध आतंकियों मिनहाज अहमद और मुशीरुद्दीन को गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों के पास से विस्फोटक और असलहे बरामद हुए थे। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि उमर हलमंडी नामक आतंकी ने लखनऊ समेत यूपी के कई शहरों में स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त 2021) से पहले धमाकों की साजिश रची थी। उमर के नेटवर्क से जुड़े मोहम्मद मोईद, शकील, और मुस्तकीम ने मिनहाज और मुशीरुद्दीन को आतंकी हमले के लिए उकसाया था।

एनआईए ने 2022 में केस लिया था अपने हाथ में

इसके बाद एनआईए ने केस अपने हाथ में लेते हुए 5 जनवरी 2022 को पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। जांच में सामने आया कि मोहम्मद मोईद और उसके सहयोगियों ने मुख्य साजिशकर्ताओं को हथियार और गोला-बारूद उपलब्ध कराने में मदद की थी। एनआईए की जांच के अनुसार, मिनहाज को पहले तौहीद और आदिल नबी उर्फ मूसा ने कट्टरपंथ की राह पर धकेला था, जिसके बाद उसने भारत विरोधी गतिविधियों की योजना बनाई। यह आतंकी नेटवर्क उत्तर भारत में सक्रिय होकर विस्फोट और हिंसक घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रच रहा था।