KNEWS DESK – दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आज से शुरू हुआ, जो कई महत्वपूर्ण बिंदुओं और मुद्दों पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। यह सत्र खासतौर पर इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह उनका पहला सत्र है। इसमें दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी बात रखी।
केजरीवाल का संबोधन
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें और मनीष सिसोदिया को देखकर विपक्ष निराश होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी टिप्पणी की, अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोदी जी ताकतवर हैं, उनके पास अथाह पैसा है, लेकिन “मोदी भगवान नहीं हैं। कोई तो शक्ति है, जो हमारे साथ है।”
केजरीवाल ने कहा कि वह जनता की दुआओं की वजह से जेल से बाहर आए हैं और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया। उन्होंने भाजपा के एक वरिष्ठ नेता से हुई बातचीत का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने कहा था कि “दिल्ली ठप कर दी गई है,” और इसके पीछे भाजपा का हाथ होने का संकेत दिया।
75 साल के नियम का विवाद
अपने भाषण में केजरीवाल ने भाजपा के उस नियम पर भी निशाना साधा जिसके तहत 75 साल की उम्र के नेताओं को रिटायर किया जाता है। उन्होंने कहा कि एक नेता इस नियम को अपने ऊपर लागू नहीं कर रहे हैं, जबकि अन्य नेताओं पर यह लागू किया जा रहा है।
जेल जाने का मुद्दा
केजरीवाल ने जेल जाने के अपने अनुभव पर कहा कि उनके जेल जाने से उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन दिल्ली की जनता को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की सड़कें मरम्मत के लिए रोक दी गईं, बुजुर्गों की तीर्थ यात्रा बंद कर दी गई, और पेंशन भी रोक दी गई। उन्होंने कहा कि ये सब कुछ जनता को परेशान कर वोट हासिल करने की साजिश है।
आतिशी की भूमिका
सत्र के दौरान मुख्यमंत्री आतिशी पहली बार सदन में मौजूद रहीं और उन्होंने मुख्यमंत्री की पहली सीट ग्रहण की। उनके नेतृत्व में दिल्ली की सरकार के निर्णय और रणनीतियों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।
बस मार्शल मुद्दा
सत्र में सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव बस मार्शलों की बहाली का रहा, जिसे सर्वसम्मति से पास किया गया। दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के लगभग 10,000 बस मार्शलों के परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एलजी ने पहले बस मार्शलों की तनख्वाह रोकी थी। सौरभ भारद्वाज ने घोषणा की कि 3 अक्टूबर को दिल्ली सरकार के सभी मंत्री और विधायक एलजी के पास जाकर इस मामले पर समाधान की मांग करेंगे।
विपक्ष का हमला
विपक्ष ने भी इस सत्र में आक्रामक रुख अपनाया। अजय महावर ने सत्ता पक्ष पर हमला करते हुए कहा कि जब अरविंद केजरीवाल के आवास पर पेड़ काटे गए थे, तब सत्ता पक्ष चुप था। उन्होंने पूछा कि उस समय मुख्यमंत्री क्यों नहीं बोले?