50 साल पुराने कानून में संशोधन करेगी मोदी सरकार, लोकसभा में बिल किया पेश

KNEWS DESK- 50 साल पुराने कानून में मोदी सरकार संशोधन करने जा रही है जिसके लिए केंद्र सरकार ने लोकसभा में बिल पेश किया है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को ‘रजिस्ट्रेशन ऑफ बर्थ एंड डेथ (अमेंडमेंट) बिल 2023’ पेश किया।

जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के अस्तित्व में आने के 54 वर्षों बाद पहली बार इसमें संशोधन होने की संभावना है। दरअसल, केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया जो स्कूलों और कॉलेजों में प्रवेश, ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने और सरकारी नौकरी में नियुक्ति के लिए एकल दस्तावेज के रूप में जन्म प्रमाण पत्र के इस्तेमाल की अनुमति देता है।

प्रस्तावित संशोधन मतदाता सूची तैयार करने, आधार नंबर जारी करने और विवाह के पंजीकरण के लिए जन्म प्रमाण पत्र के उपयोग की भी अनुमति देते हैं, जबकि आलोचकों ने पहले ही गोपनीयता संबंधी चिंताओं, राज्यों के अधिकारों का उल्लंघन और सरकार को लोगों के बारे में बेलगाम डेटा देने का दावा करते हुए सरकार की इस योजना का विरोध किया है।

क्या है इस बिल का मतलब

– बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट का डिजिटली रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। बिल में प्रावधान है कि रजिस्टर्ड जन्म और मृत्यु का राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर डेटाबेस तैयार किया जाएगा।

– बिल के कानून बन जाने पर शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने, वोटर लिस्ट तैयार करने, केंद्र या राज्य सरकार में पदों पर नियुक्ति के लिए बर्थ सर्टिफिकेट को सिंगल डॉक्यूमेंट के रूप में यूज किया जा सकेगा।

– जन्म और मृत्यु का डेटाबेस तैयार किया जाएगा, जिसकी मदद से दूसरे राष्ट्रीय डेटाबेस को अपडेट करने में मदद मिलेगी. इनमें इलेक्टोरल रोल, पॉपुलेशन रजिस्टर और राशन कार्ड जैसे कई डेटाबेस शामिल होंगे।

– बिल में डेथ सर्टिफिकेट जारी करने को जरूरी कर दिया गया है. अगर अस्पताल में किसी की मृत्यु होती है तो वो डेथ सर्टिफिकेट जारी करेगा. अगर बाहर किसी की मृत्यु होती है तो उस व्यक्ति की देखभाल करने वाला डॉक्टर या मेडिकल प्रैक्टिशनर डेथ सर्टिफिकेट देगा।

– इस बिल के तहत, रजिस्ट्रार को बर्थ और डेथ का फ्री में रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसका सर्टिफिकेट सात दिन के भीतर संबंधित व्यक्ति को देना होगा।

– इतना ही नहीं, अगर रजिस्ट्रार के किसी कामकाज से कोई शिकायत है तो 30 दिन के भीतर उसकी अपील करनी होगी। रजिस्ट्रार को अपील की तारीख से 90 दिन के भीतर अपना जवाब देना होगा।

जन्म और मृत्यु का डेटाबेस कराया जाएगा उपलब्ध

जन्म और मृत्यु का डेटाबेस सिर्फ उन अधिकारियों को ही उपलब्ध कराया जाएगा, जो कि जनसंख्या रजिस्टर, मतदाता सूची, आधार संख्या, राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, संपत्ति पंजीकरण और केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित अन्य डेटाबेस से संबंधित कामकाज देखते हैं।

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