मेहुल चोकसी: बेल्जियम के साथ कैसे हैं भारत के रिश्ते? क्या प्रत्यर्पण आसानी से हो पाएगा…

KNEWS DESK-  भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले का मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी आखिरकार बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी 12 अप्रैल को हुई, जिससे भारत की जांच एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है। करीब 6,000 किलोमीटर दूर स्थित यूरोपीय देश बेल्जियम की पुलिस ने इस भगोड़े कारोबारी को उस समय दबोचा जब वह अपनी पत्नी के साथ एंटवर्प में रह रहा था।

65 वर्षीय मेहुल चोकसी, ज्वेलरी कंपनी गीतांजलि ग्रुप का मालिक है और अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलकर 13,500 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक धोखाधड़ी मामले में आरोपी है। 2018 में जब घोटाला सामने आया, उससे पहले ही चोकसी भारत से फरार हो चुका था और कैरेबियाई देश एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी।

हाल ही में चोकसी और उसकी पत्नी प्रीती को बेल्जियम का एफ-रेसिडेंसी कार्ड मिला है। प्रीती बेल्जियम की नागरिक हैं और उनका परिवार वहीं रहता है। सूत्रों के मुताबिक, चोकसी एंटवर्प शहर में रह रहा था और कथित रूप से ब्लड कैंसर के इलाज के लिए वहां शरण ले रखा था।

मार्च 2020 में भारत और बेल्जियम के बीच प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके तहत, यदि दोनों देशों में किसी अपराध के लिए कम से कम एक साल की सजा निर्धारित है, तो उस व्यक्ति को प्रत्यर्पित किया जा सकता है। हालांकि, यह संधि बाध्यकारी नहीं है, और प्रत्यर्पण का निर्णय बेल्जियम की अदालत और सरकार के विवेक पर निर्भर करता है। भारत को यह साबित करना होगा कि चोकसी का अपराध बेल्जियम के कानूनों के तहत भी अपराध की श्रेणी में आता है।

प्रत्यर्पण विशेषज्ञों के अनुसार, चोकसी का भारत लाना आसान नहीं होगा।

  • व्हिसलब्लोअर हरिप्रसाद एसवी ने चेताया है कि जैसे चोकसी डोमिनिका में गिरफ्तारी से बच निकला, वैसा ही वह बेल्जियम में भी कर सकता है।

  • चोकसी के पास मजबूत कानूनी टीम है और वह हर कानूनी विकल्प को भुनाने में माहिर है।

  • विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे मामलों का उदाहरण सामने है, जहां कानूनी दांव-पेंच के जरिए प्रत्यर्पण की प्रक्रिया वर्षों तक खिंचती रही।

यह घोटाला मुंबई की ब्रैडी हाउस ब्रांच से जुड़ा है, जहां मेहुल चोकसी और नीरव मोदी ने लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) के ज़रिए बिना गारंटी और मंजूरी के भारी-भरकम विदेशी कर्ज लिए।

  • बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से सिस्टम को बाईपास किया गया, जिससे PNB को भारी नुकसान हुआ।

  • CBI और ED ने इस मामले में चोकसी, नीरव मोदी, उनके परिवार, कर्मचारियों और बैंक अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की हैं।

  • ED ने अब तक तीन बार चोकसी के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है।

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