केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान पर महबूबा मुफ्ती का पलटवार, “पहले बताएं गांधी, इंदिरा और राजीव को किसने मारा”

डिजिटल डेस्क- फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद होने के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा दिए गए विवादित बयान ने सियासत गरमा दी है। गिरिराज सिंह ने मीडिया से बातचीत में सवाल उठाया था कि “आतंकी गतिविधियों में हमेशा एक ही समुदाय के लोग क्यों पकड़े जाते हैं? इस पर पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह पहले बताएं कि महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या किसने की थी, तब हम उनसे बात करेंगे। दरअसल, हाल ही में हरियाणा के फरीदाबाद में जम्मू-कश्मीर और हरियाणा पुलिस की संयुक्त टीम ने छापा मारकर 300 किलो से अधिक अमोनियम नाइट्रेट, कई टाइमर, राइफल और कारतूस बरामद किए थे। जांच में सामने आया कि यह साजिश आतंकी संगठन अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़ी थी। पुलिस ने इस मामले में फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले डॉक्टर मुज़म्मिल शकील को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था कि मोदी सरकार की चौकसी के कारण बड़ा हादसा टल गया। यह 1993 के मुंबई धमाकों से भी बड़ा धमाका हो सकता था। लेकिन जब भी ऐसे मामले सामने आते हैं, आरोपी एक ही समुदाय से क्यों होते हैं?”

“हमेशा एक ही समुदाय क्यों?”— गिरिराज सिंह

गिरिराज सिंह ने अपने बयान में कहा था कि कहा कि देश में आतंक फैलाने वालों का चेहरा अब किसी से छिपा नहीं है। चाहे मुंबई धमाके हों या पहलगाम हमला जब भी आतंकी पकड़े जाते हैं, वे एक ही समुदाय से होते हैं।” उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधते हुए कहा कि “राहुल गांधी, लालू यादव, अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता इन मामलों पर चुप क्यों रहते हैं? क्या उन्हें देश की सुरक्षा की चिंता नहीं?

महबूबा मुफ्ती का करारा जवाब

गिरिराज सिंह के इस बयान पर महबूबा मुफ्ती ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि गिरिराज जी बताएं कि गांधी जी को किसने मारा, इंदिरा जी और राजीव गांधी को किसने मारा? और आज भी गांधी जी की तस्वीर पर गोली कौन चलाता है, जो संसद तक पहुंच गया था? पहले इन सबका जवाब दें, फिर दूसरों पर उंगली उठाएं। महबूबा ने आगे कहा कि बीजेपी नेता हर घटना को धार्मिक चश्मे से देखना बंद करें। उन्होंने आगे कहा कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता। ऐसे बयान समाज को बांटने और नफरत फैलाने वाले हैं।