श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक आज, रामलला की मूर्ति पर होगा फैसला!

KNEWS DESK- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक आज यानी 28 दिसंबर को होगी। इस बैठक में रामलला की मूर्ति पर चर्चा होगी। इस बैठक के अगले ही दिन मतलब 29 दिसंबर को ट्रस्ट की एक और महत्वपूर्ण बैठक होगी। जिसमें तय होगा कि रामलला की कौन सी मूर्ति गर्भ गृह में लगाई जाए।

मकर संक्रांति के बाद राम मंदिर के लिए विशेष पूजा शुरू हो जाएगी। अभी तक ये तय नहीं हो पाया है कि मंदिर में भगवान राम की कैसी मूर्ति लगेगी। गर्भ गृह में प्राण प्रतिष्ठा के लिए रामलला की तीन मूर्तियां बनाई जा रही हैं। प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की मूर्ति का अयोध्या भ्रमण भी कराया जाएगा।

ट्रस्ट के सभी 15 सदस्य बैठक में होंगे शामिल

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की आज महत्वपूर्ण बैठक होगी। इसके लिए ट्रस्ट के सभी 15 सदस्यों को बुलाया गया है। अध्यक्ष नृत्य गोपाल दस, महासचिव चंपत राय समेत सभी सदस्य इस बैठक में शामिल होंगे।

16 जनवरी से शुरू हो जाएगी पूजा

यूपी के प्रमुख गृह सचिव और अयोध्या के डीएम इस ट्रस्ट के पदेन सदस्य हैं। ये दोनों अफसर इस मीटिंग में शामिल नहीं होंगे। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा इस बैठक में मौजूद रहेंगे। मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की पूजा 16 जनवरी से शुरू हो जाएगी। बैठक का एजेंडा पूजन विधि, उसकी तैयारी और मंदिर के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा है।

प्राण प्रतिष्ठा की तारीख 22 जनवरी

इसमें ये तय हुआ था कि मंदिर के फर्श का काम दिसंबर महीने तक ख़त्म हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तारीख 22 जनवरी है। इसके लिए शुभ मुहूर्त भी तय हो चुका है। ये भी फ़ैसला हो चुका है कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूजा काशी और दक्षिण भारत के पुरोहितों के नेतृत्व में होगा।

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29 दिसंबर को भी होगी बैठक

राम जन्मभूमि ट्रस्ट के ऑफिस में ही ये महत्वपूर्ण बैठक होगी। जिसमें 22 जनवरी को मंदिर के उद्घाटन की तैयारी पर विस्तार से चर्चा होगी। इस बैठक के अगले ही दिन मतलब 29 दिसंबर को ट्रस्ट की एक और महत्वपूर्ण बैठक होगी। जिसमें तय होगा कि रामलला की कौन सी मूर्ति गर्भ गृह में लगाई जाए। आगे से भगवान राम की इसी मूर्ति की पूजा होगी। ट्रस्ट के कुछ सदस्यों की राय है कि मूर्ति के चयन के लिए वोटिंग करा ली जाए। वहीं कुछ सदस्यों का कहना है कि इसके लिए आम सहमति बनाई जाए।

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