MCD Budget Session: आज से शुरू होगा दिल्ली नगर निगम का बजट सत्र, अंतिम बैठक में होगा पारित

KNEWS DESK-  दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का बजट सत्र आज से शुरू होने जा रहा है और यह 19 मार्च तक चलेगा। इस दौरान चार दिन की बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिनमें बजट से संबंधित चर्चा होगी और विभिन्न महत्वपूर्ण सुझाव पेश किए जाएंगे। एमसीडी के इस बजट सत्र में 2025-26 के वित्तीय वर्ष के लिए विकास कार्यों, सफाई व्यवस्था, जल निकासी, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य बुनियादी सुविधाओं पर खर्च की रूपरेखा तय की जाएगी। इसके साथ ही कर नीतियों, नई योजनाओं और अन्य वित्तीय प्रस्तावों पर भी गंभीर चर्चा होने की संभावना है।

बजट सत्र की पहली बैठक सोमवार को होगी, जिसमें नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह बजट पर अपने सुझाव देंगे। इस दौरान उन्होंने बजट से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय प्रस्तुत करने का संकेत दिया है। इसके बाद, 10 और 12 मार्च को होने वाली बैठकें पार्षदों के लिए हैं, जिसमें वे अपनी राय और संशोधन प्रस्ताव पेश करेंगे। अंत में, 19 मार्च को अंतिम बैठक होगी, जिसमें बजट को पारित किया जाएगा।

इस बजट सत्र में एमसीडी के लिए 2025-26 के वित्तीय वर्ष के बजट का खाका तैयार किया जाएगा, जिसमें मुख्य रूप से शहर के विकास कार्यों, सफाई व्यवस्था, जल निकासी, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य बुनियादी सुविधाओं पर खर्च का निर्धारण किया जाएगा। इसके अलावा, कर नीतियों, नई योजनाओं और अन्य वित्तीय प्रस्तावों पर भी गंभीर चर्चा की संभावना है। हालांकि, यह स्पष्ट हो चुका है कि कर दरों को पहले ही तय किया जा चुका है, क्योंकि एमसीडी एक्ट के अनुसार 15 फरवरी तक करों की दरें निर्धारित करना अनिवार्य है। जबकि मदों की राशि 31 मार्च तक तय की जा सकती है।

एमसीडी के इस बजट सत्र में प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने आप सरकार के लिए कठिन चुनौती पेश करने की योजना बनाई है। नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह बजट के संबंध में अपने सुझाव देते हुए आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को कटघरे में खड़ा कर सकते हैं। इसके अलावा, वह बहुमत नहीं होने का हवाला देते हुए मेयर से इस्तीफे की मांग भी कर सकते हैं।

आप और भाजपा के बीच तीखी बहस की संभावना

इस बजट सत्र के दौरान सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी और प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के बीच तीखी बहस की संभावना है। खासकर, भाजपा आप के बहुमत नहीं होने के मुद्दे को उठाते हुए एमसीडी के वित्तीय प्रबंधन, लंबित परियोजनाओं और नागरिक सुविधाओं पर सवाल खड़ा कर सकती है। भाजपा सरकार के द्वारा की जा रही योजनाओं पर सवाल उठाएगी, वहीं सरकार अपनी नीतियों और योजनाओं का पक्ष रखने की कोशिश करेगी।

आप के लिए इस बजट सत्र में अपने प्रस्तावों को पास कराना आसान नहीं होगा, क्योंकि उसे कांग्रेस का समर्थन मिलने पर ही वह सफल हो सकती है। कांग्रेस का समर्थन प्राप्त होने के बाद ही आप अपने प्रस्तावों को पारित करवा सकती है, अन्यथा उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

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