डिजिटल डेस्क- हरियाणा राज्य में आईजी रैंक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या ने देशभर में सदमे और गुस्सा पैदा कर दिया है। उनका आरोप था कि जातिवादी शोषण और प्रशासनिक प्रताड़ना के चलते उन्होंने आत्महत्या की। इस घटना पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने गंभीर प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि यह घटना न सिर्फ दुखद है बल्कि एक सभ्य सरकार के लिए शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि लाख दावों के बावजूद जातिवाद शासन-प्रशासन में आज भी हावी है और सरकारें इसे रोकने में विफल साबित हो रही हैं। मायावती ने जोर देकर कहा कि समयबद्ध, स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होना चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
इस मामले को दबाने या छोड़ने की कोशिश न हो- मायावती
बसपा सुप्रीमो ने हरियाणा सरकार से अपील की कि इस घटना को गंभीरता और संवेदनशीलता से देखें और इसे दबाने या दबाव में छोड़ने की कोशिश न करें। उन्होंने चेतावनी दी कि जांच के नाम पर “खानापूर्ति” नहीं होनी चाहिए, जैसा कि पहले से आरोप लगने लगे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ले संज्ञान- मायावती
मायावती ने केंद्रीय सरकार और सुप्रीम कोर्ट से भी इस मामले का उचित संज्ञान लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह घटना यह भी स्पष्ट करती है कि एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण को आर्थिक स्थिति से जोड़कर क्रीमी लेयर की चर्चा करने वाले लोग भी जातिवादी उत्पीड़न से सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा, “धन और पद पा लेने के बावजूद जातिवाद उनका पीछा नहीं छोड़ता। हर स्तर पर जातिवादी शोषण, अत्याचार और उत्पीड़न जारी रहता है, और हरियाणा की यह घटना इसकी ताजा मिसाल है।”