2027 में पूर्ण बहुमत की बसपा सरकार बनाएंगे, मायावती का सपा, कांग्रेस और भाजपा पर बड़ा हमला

KNEWS DESK- बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को लखनऊ में आयोजित कांशीराम परिनिर्वाण दिवस की रैली में लाखों समर्थकों को संबोधित करते हुए, 2027 के विधानसभा चुनावों की रणनीति और विजन स्पष्ट कर दिया। उन्होंने अपने भाषण में जातिवादी राजनीति, आरक्षण विरोध, गठबंधन की विफलताएं और संविधान की सुरक्षा को लेकर सपा, कांग्रेस और भाजपा पर तीखे हमले किए।

मायावती ने मौजूदा राजनीतिक हालात पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “आजकल कुछ लोग एक-दूसरे के धर्म पर टिप्पणी कर देश में बवाल कर रहे हैं। हमें बाबा साहेब के संविधान को मानते हुए सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। धर्म के नाम पर राजनीति करना गलत है।” उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को मजबूत करने की अपील की।

मायावती ने सपा, कांग्रेस और भाजपा पर पदोन्नति में आरक्षण का विरोध करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने खुलासा किया कि “सपा ने तो सदन में पदोन्नति में आरक्षण का बिल तक फाड़ दिया था। इन दलों ने हमेशा दलितों और पिछड़ों को उनका संवैधानिक हक देने से इनकार किया है।” उन्होंने वादा किया कि बसपा की सरकार बनने पर उन सभी कानूनों को बदला जाएगा, जो दलितों और पिछड़ों के खिलाफ हैं।

बसपा प्रमुख ने साफ किया कि पार्टी 2027 का चुनाव किसी भी दल से गठबंधन किए बिना अकेले लड़ेगी। “जब-जब बसपा ने गठबंधन किया, सरकारें गिर गईं। लेकिन जब पूर्ण बहुमत से सरकार बनी, तो सभी वर्गों का विकास हुआ।”मायावती ने अपने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर सक्रिय होकर प्रचार करने और पार्टी की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने की अपील की।

मायावती ने जातिवादी दलों पर आरोप लगाया कि वे संविधान को बदलने की साजिशें कर रहे हैं। उन्होंने कहा “बसपा ही एकमात्र पार्टी है जो बाबा साहेब के बनाए संविधान को पूरी तरह से सुरक्षित रख सकती है। इसके लिए चाहे कितना भी संघर्ष करना पड़े, हम पीछे नहीं हटेंगे।”

मायावती ने कहा कि बसपा की यह रैली किसी प्रायोजित या पैसों से भीड़ जुटाने वाली रैली नहीं थी, बल्कि इसमें आए लोग अपनी मेहनत की कमाई खर्च कर पहुंचे हैं। “यह रैली पहले हुई सभी रैलियों का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। इससे साफ है कि 2027 में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने जा रही है।”