महाराष्ट्र: शिवसेना ने अपने उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे को पार्टी में सौंपी अहम जिम्मेदारियां, सर्वसम्मति से चुना गया विधिमंडल का नेता

KNEWS DESK – महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के बाद, शिवसेना (यूबीटी) ने अपने वरिष्ठ नेता उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे को पार्टी में अहम जिम्मेदारियां सौंपी हैं। सोमवार को मुंबई स्थित मोतोश्री में हुई विधायकों की बैठक में उद्धव ठाकरे को पार्टी का विधिमंडल का नेता सर्वसम्मति से निर्वाचित किया गया। इसके साथ ही, भास्कर जाधव को विधानसभा में पार्टी विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया, और सुनील प्रभु को ठाकरे गुट का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया।

उद्धव ठाकरे को विधिमंडल का नेता चुना गया

आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना (यूबीटी) ने पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। सोमवार को मोतोश्री में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में शिवसेना (यूबीटी) के विधायकों ने सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को विधानसभा और विधान परिषद दोनों सदनों का नेता चुना। इस निर्णय के बाद, उद्धव ठाकरे अब दोनों सदनों के पार्टी विधायकों के मार्गदर्शन और नेतृत्व के जिम्मेदार होंगे। ठाकरे समूह ने यह भी स्पष्ट किया कि अब सदन में आदित्य ठाकरे की बात ही शिवसेना विधायकों के लिए अंतिम मानी जाएगी, और पार्टी के निर्णयों पर केवल सुनील प्रभु के हस्ताक्षर ही मान्य होंगे।

भास्कर जाधव को विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया

विधानसभा में शिवसेना (यूबीटी) के विधायक दल के नेता के रूप में भास्कर जाधव को नियुक्त किया गया है। वे अब राज्य विधानसभा में ठाकरे गुट के विधायकों का नेतृत्व करेंगे और सदन में पार्टी के फैसलों का पालन कराएंगे। यह जिम्मेदारी उन्हें पार्टी के अंदर उनकी भूमिका को और प्रभावी बनाने के लिए सौंपी गई है।

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आदित्य ठाकरे को मिला विशेष अवसर

शिवसेना (यूबीटी) ने आदित्य ठाकरे को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में वर्ली सीट से मिलिंद देवड़ा को हराकर जीत हासिल करने वाले आदित्य ठाकरे को अब पार्टी में और भी बड़ा कार्यभार सौंपा गया है। उनका चुनावी प्रदर्शन हालांकि 2019 के मुकाबले कमजोर था, लेकिन वे अब शिवसेना (यूबीटी) के लिए एक प्रमुख ताकत बन गए हैं।

आदित्य ठाकरे की नेतृत्व क्षमता को देखते हुए पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी है, जिससे यह साफ है कि भविष्य में शिवसेना (यूबीटी) के सभी प्रमुख निर्णयों में उनका अहम रोल होगा। उनके फैसले ही अब पार्टी के भविष्य को दिशा देंगे।

महाविकास अघाड़ी को मिली बड़ी हार

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों में महाविकास अघाड़ी (MVA) को उम्मीदों के खिलाफ एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा। महाविकास अघाड़ी को केवल 46 सीटों पर जीत मिली, जिसमें कांग्रेस को 16, शिवसेना (यूबीटी) को 20, और शरद पवार गुट को 10 सीटें मिलीं। इसके विपरीत, महायुति को 230 सीटों पर जीत मिली, जिससे राज्य में फिर से महायुति की सरकार बनने की संभावना बनी है।

शिवसेना (यूबीटी) का फोकस अब विधानसभा में

अब शिवसेना (यूबीटी) के सामने चुनौती होगी कि वह विधानसभा में अपनी ताकत को कैसे मजबूती से बनाए रखे। पार्टी के वरिष्ठ नेता अंबादास दानवे ने बताया कि पार्टी विधायकों की बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि भविष्य में सभी निर्णय आदित्य ठाकरे के मार्गदर्शन में होंगे, और सुनील प्रभु के हस्ताक्षर से ही पार्टी के फैसले लागू होंगे।

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