महाकुंभ 2025: माघी पूर्णिमा पर आस्था का सैलाब, अब तक 74 लाख श्रद्धालुओं ने किया पवित्र स्नान

KNEWS DESK-  प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आज (12 फरवरी) माघी पूर्णिमा के पावन अवसर पर आस्था का अभूतपूर्व सैलाब उमड़ा। श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था, क्योंकि सुबह होते ही 74 लाख से अधिक लोगों ने संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम तट पर भक्तों की अपार भीड़ देखी गई, जो आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर थी।

नागा साधुओं का पहला स्नान

परंपरा के अनुसार, माघी पूर्णिमा स्नान की शुरुआत सबसे पहले नागा साधुओं के अखाड़ों ने की। इसके बाद अन्य अखाड़ों और साधु-संतों ने आस्था की डुबकी लगाई। इस प्रक्रिया के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए स्नान का मार्ग प्रशस्त किया गया।

हेलिकॉप्टर से फूलों की वर्षा

माघी पूर्णिमा के शुभ अवसर पर संगम तट पर श्रद्धालुओं के स्वागत में विशेष तैयारियां की गई थीं। भक्तों पर हेलिकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गई, जिससे माहौल और भी भक्तिमय हो गया। श्रद्धालु हर-हर गंगे के जयघोष के साथ पुण्य स्नान कर रहे थे, जिससे पूरा वातावरण दिव्यता से भर गया।

अब तक 46.25 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाया पुण्य स्नान

महाकुंभ में अब तक कुल 46.25 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं, जो इस धार्मिक आयोजन की भव्यता को दर्शाता है। संगम में डुबकी लगाकर श्रद्धालु आध्यात्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति की कामना कर रहे हैं।

सीएम योगी की मॉनिटरिंग और सुरक्षा व्यवस्था

माघी पूर्णिमा के महत्त्व को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं सुबह 4 बजे से व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

माघी पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

माघी पूर्णिमा को हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन संगम में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इसे ‘अमृत स्नान’ भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन का स्नान विशेष रूप से मोक्षदायी माना जाता है।

श्रद्धालुओं के चेहरों पर आस्था, भक्ति और उल्लास स्पष्ट रूप से झलक रहा था। दूर-दूर से आए भक्त संगम में स्नान के बाद विधिपूर्वक पूजा-अर्चना कर रहे थे। इस दौरान कई साधु-संतों और कथा वाचकों ने धार्मिक प्रवचन भी दिए, जिससे श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक मार्गदर्शन मिला। महाकुंभ में आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण स्नान पर्व होने वाले हैं, जिनमें महाशिवरात्रि स्नान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। माघी पूर्णिमा के शुभ अवसर पर प्रयागराज में श्रद्धालुओं का महासंगम देखने को मिला। भक्तों के अद्वितीय उत्साह, प्रशासन की मजबूत तैयारियों और आध्यात्मिक वातावरण ने इस दिन को अविस्मरणीय बना दिया। महाकुंभ में उमड़ी यह आस्था और भक्ति की लहर सनातन संस्कृति की जीवंतता को दर्शाती है।

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