KNEWS DESK- मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन किया है। यह आदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ द्वारा जारी किया गया है।
मध्य प्रदेश डॉक्टर एसोसिएशन की दस मांगें
मध्य प्रदेश डॉक्टर एसोसिएशन ने अपनी याचिका के माध्यम से दस प्रमुख मांगें पेश की हैं, जो डॉक्टरों की सुरक्षा और उनके कामकाजी माहौल को सुधारने के संबंध में हैं। इन मांगों की सूची को कोर्ट में प्रस्तुत किया गया, और युगलपीठ ने संबंधित मांगों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए हैं।
सरकार को रिपोर्ट पेश करने का आदेश
युगलपीठ ने सरकारी अधिवक्ता को निर्देशित किया है कि वे दो हफ्ते के भीतर अदालत में रिपोर्ट पेश करें। रिपोर्ट में यह जानकारी शामिल होनी चाहिए कि सरकार ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं और सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन कैसे सुनिश्चित किया गया है।
कोलकाता में डॉक्टरों के साथ हिंसा और विरोध प्रदर्शन
कोलकाता में डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हुए। मध्य प्रदेश में भी जूनियर डॉक्टरों ने इस घटना के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था। हड़ताल के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई के दौरान, युगलपीठ ने पूर्व में पारित आदेश का हवाला देते हुए तत्काल हड़ताल समाप्त करने और डॉक्टरों को कार्य पर लौटने के निर्देश जारी किए थे।
सुप्रीम कोर्ट का संज्ञान और याचिका की सुनवाई
याचिका पर पिछली सुनवाई में युगलपीठ को बताया गया कि सर्वोच्च न्यायालय डॉक्टरों की सुरक्षा से संबंधित मामलों पर संज्ञान ले रहा है। युगलपीठ ने एक सप्ताह बाद इस याचिका की अगली सुनवाई के निर्देश भी जारी किए थे।
सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन
कोर्ट ने यह भी निर्देशित किया है कि सरकार यह स्पष्ट करे कि क्या सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया गया है। इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।
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