KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस कस्टडी में एक और युवक की मौत का मामला सामने आया है। मृतक का नाम मोहित पांडे (32) है, जो चिनहट के देवा रोड स्थित अपट्रान इलाके का निवासी था। पुलिस के मुताबिक, मोहित को शांतिभंग की आशंका में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
घटना का विवरण
मोहित पांडे और उनके भाई शोभाराम को शुक्रवार को बच्चों के झगड़े के मामले में पुलिस ने थाने लाया था। पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों को शांति भंग के आरोप में थाने में लाया गया। शनिवार को जब मोहित को कोर्ट ले जाया जा रहा था, तभी उसकी तबीयत बिगड़ी। उसे तुरंत लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों के आरोप
मोहित के चाचा, रामयश पांडे, ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मोहित को चौकी में पीट-पीटकर मारा गया। उन्होंने बताया कि रातभर पुलिस ने उन्हें हिरासत में रखा और सुबह अस्पताल लाकर उसकी मौत की सूचना दी। रामयश ने आरोप लगाया कि पुलिस की मारपीट के कारण मोहित की मौत हुई और इस मामले में एक स्थानीय नेता का भी हाथ था, जिसने पुलिस को निर्देश दिए थे।
पुलिस का बयान
एडिशनल एसपी ने इस मामले में बताया कि मोहित और उसके भाई को शांतिभंग की आशंका में हिरासत में लिया गया था। उन्होंने कहा कि मोहित की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हुई। उन्होंने यह भी कहा कि परिजनों के आरोपों की जांच कराई जाएगी।
गंभीर सवाल
इस घटना ने फिर से पुलिस की कार्यशैली और कस्टडी में मौत के मामलों पर सवाल उठाए हैं। लखनऊ में इस तरह के मामलों की जांच और पुलिस की जवाबदेही को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। परिवार ने न्याय की मांग की है, जबकि स्थानीय लोगों में पुलिस के खिलाफ आक्रोश फैल रहा है। यह मामला इस बात को उजागर करता है कि कैसे पुलिस कस्टडी में मौतों की घटनाएं समाज में असुरक्षा और अनिश्चितता को बढ़ा रही हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कैसे कार्रवाई करता है और क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाएगा।
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