KNEWS DESK – लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित हरमिलाप टावर के एक हिस्से के अचानक ढह जाने से शहर में दहशत फैल गई। यह दर्दनाक हादसा शाम करीब 5 बजे हुआ, जब दो मंजिला बिल्डिंग का एक हिस्सा भरभरा कर गिर गया। इस घटना में अब तक 8 लोगों की मौत हो गई है और 28 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सीएम और डिप्टी सीएम ने जताया दु:ख
लखनऊ में हुए इस भीषण हादसे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने गहरा दु:ख व्यक्त किया है। सीएम योगी ने ट्विटर पर लिखा, “लखनऊ में बिल्डिंग गिरने से हुई जनहानि अत्यंत दुःखद और हृदयविदारक है। मेरी संवेदनाएं मृतकों के शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। संबंधित अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित करने और घायलों का समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए गए हैं।” वहीं, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी लिखा, “लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में तीन मंजिला इमारत के गिरने से हुए हादसे की दुःखद सूचना प्राप्त हुई है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिले और दिवंगत आत्माओं को शांति मिले। प्रदेश सरकार ने जिला प्रशासनिक अधिकारियों को त्वरित गति से बचाव और राहत कार्य करने के निर्देश दिए हैं।”
शनिवार शाम एक तीन मंजिला इमारत ढह जाने हुआ हादसा
आपको बता दें कि यूपी की राजधानी लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में शनिवार शाम एक तीन मंजिला इमारत ढह जाने से अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे में 28 लोग घायल हुए बताए जा रहें हैं। अब तक मिली सूचना के अनुसार मलबे से कई लोगों को बाहर निकाला जा चुका है। राहत आयुक्त जी. एस. नवीन ने कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने बचाव अभियान के दौरान तीन लोगों के शव बरामद किए। इनकी पहचान राज किशोर (27 साल), रुद्र यादव (24 साल) और जगरूप सिंह (35 साल) के रूप में की गई। राहत और बचाव कार्य अब तक जारी है।
प्रत्यक्षदर्शी ट्रक ड्राइवर का बयान
हादसे के प्रत्यक्षदर्शी ट्रक ड्राइवर राजेश पाल ने बताया कि वह लगभग 4:55 बजे अपने ट्रक को बिल्डिंग में सामान अनलोड करने के लिए लेकर आया था। ट्रक में फार्मास्यूटिकल्स का सामान था, जिसे दिल्ली से लाया गया था। राजेश पाल ने बताया कि बिल्डिंग के अंदर सामान उतारने का काम चल रहा था और उतारा गया सामान दूसरी मंजिल पर भेजा जा रहा था। इस दौरान करीब 15 से 20 लोग ट्रक का सामान उतार रहे थे, जब अचानक पूरी बिल्डिंग भरभरा कर गिर गई।
राजेश पाल ने कहा, “जब बिल्डिंग गिरी, तो किसी को कुछ समझ में नहीं आया। सामान उतार रहे कुछ लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग गए। मैंने भी तुरंत भागकर अपनी जान बचाई। स्थानीय लोग और पुलिस ने मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालने में मदद की।”
अब तक घटना के कारणों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्टों और जांच के अनुसार घटिया निर्माण और पिलर धंसने की संभावना जताई जा रही है।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
हादसे के तुरंत बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। स्थानीय पुलिस, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल), एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) और लखनऊ नगर निगम की टीम मौके पर पहुंच गई हैं। एडीजी एलओ अमिताभ यश ने बताया कि पूरी बिल्डिंग की सर्चिंग की जा रही है और सभी विभागों के बीच समन्वय स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद ही बिल्डिंग के गिरने के कारण का पता चल सकेगा और सभी आवश्यक तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल सर्चिंग के लिए किया जा रहा है।